भारतीय थलसेना की स्थापना 1 अप्रैल 1895 में हुई थी लेकिन इसे इसकी वर्तमान संरचना आजादी के बाद प्राप्त हुई|
भारत में तीनों सेना के सर्वोच्च सेनापति राष्ट्रपति हैं| थल सेना के सर्वोच्च अधिकारी थल सेना प्रमुख होते हैं जिन्हें सेनाध्यक्ष भी कहा जाता है|
हाल ही में 60 वर्षीय लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवणे को भारतीय सेना का अगला सेनाध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जो विश्व की तीसरी सबसे बड़ी सेना के सेनाध्यक्ष है।
जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भारतीय सेना के 28वें(आजादी के बाद से) सेनाध्यक्ष हैं।
इस लेख में हम आपको भारतीय सेना की संरचना (structure of indian army) और विभिन्न कमानों की जानकारी दे रहे हैं जो विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए काफी उपयोगी है|
Table of Contents
1>>भारतीय सेना(Indian Army) का उद्देश्य-
- बाहरी खतरों के विरुद्ध शक्ति संतुलन के द्वारा या युद्ध छेड़ने की स्थिति में संरक्षित राष्ट्रीय हितों, संप्रभुता की रक्षा, क्षेत्रीय अखंडता और भारत की एकता की रक्षा करना।
- सरकारी तन्त्र को छाया युद्ध और आन्तरिक खतरों में मदद करना और आवश्यकता पड़ने पर नागरिक अधिकारों में सहायता करना।
- दैवीय आपदा जैसे भूकंप,बाढ़ , समुद्री तूफान ,आग लगने ,विस्फोट आदि के अवसर पर नागरिक प्रशासन की मदद करना।
- नागरिक प्रशासन के पंगु होने पर उसकी सहायता करना।
2>>Rank Structure in Indian Army in Hindi/Indian Army Structure Chart in hindi
Rank Structure in Indian Army in Hindi/Indian Army Structure Chart in hindi : आर्मी चीफ थल सेना की टॉप पोस्ट है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश की आर्मी में और कौन-कौन से पद होते हैं? कर्नल, जनरल, मेजर किस स्तर के अधिकारी होते हैं? अगर नहीं तो आइए चार्ट के माध्यम से आसान भाषा में समझने का प्रयास करते हैं-
3>>भारतीय सेना की संरचना -structure of indian army in hindi
थलसेना को दो हिस्सों में बांटा गया है। पहला ऑपरेशनल कमांड। दूसरा आर्मी ट्रेनिंग कमांड फिर ऑपरेशनल कमांड में सैन्य दल, डिविजन, ब्रिगेड, बटालियन, राइफल, प्लटून, सेक्शन होते हैं | प्रत्येक कमान का नेतृत्व जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ होता है जोकि एक लेफ्टिनेंट जनरल रैंक का अधिकारी होता हैं। प्रत्येक कमांड, नई दिल्ली में स्थित सेना मुख्यालय से सीधे जुड़ा हुआ है। जिसका विवरण निम्न है:
यहां हम आपको थल सेना का पूरा खाका समझाएंगे। इस क्रम में सबसे ऊपर होता है चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ। यह थल सेना के प्रमुख होते हैं। यानी मनोज मुकुंद नरवणे अब सेना के प्रमुख हुए। यह फोर स्टार अधिकारी होते हैं, और रैंक जनरल पद की होती है।
इसके बाद सेना को दो हिस्सों में वर्गीकरण किया गया है। पहला ऑपरेशनल कमांड। दूसरा आर्मी ट्रेनिंग कमांड। दोनों के नाम से ही साफ है कि पहले में जंग के लिए जवान को तैयार किया जाता है और दूसरे में ट्रेनिंग दी जाती है।
ऑपरेशनल कमांड-
हमारी आर्मी में कुल 6 ऑपरेशनल कमांड हैं। इनकी कमान जनरल ऑफिसर कमांडिंग के पास होती है, जिन्हें GOC-IN-C भी कहा जाता है। इन्हें आर्मी कमांडर भी कहा जाता है। इन थ्री स्टार (***) अफसरों की रैंक लेफ्टिनेंट जनरल होती है। ये कमांड वेस्टर्न, ईस्टर्न, नॉर्थन, साउथर्न, सेंट्रल, साउथ वेस्टर्न नाम से हैं।
पूर्वी कमान (मुख्यालय कोलकाता)-
वर्तमान में इस कमान के 10 डिविजन और 3 कोर कार्यरत हैं|
- 23वीं इन्फेंट्री डिविजन (राँची)
- 2 माउन्टेन डिविजन (डिब्रूगढ़)
- 5वीं माउन्टेन डिविजन (बोमडिला)
- 17वीं माउन्टेन डिविजन (गंगटोक)
- 56वीं माउन्टेन डिविजन (ज़खमा)
- 21वीं माउन्टेन डिविजन (रंगिया)
- 20वीं माउन्टेन डिविजन (बिन्नागुरी)
- 57वीं माउन्टेन डिविजन (लीमाखोंग)
- 71वीं माउन्टेन डिविजन (मिस्सामारी)
- 27वीं माउन्टेन डिविजन (कलिम्पोंग)
- 3 कोर (दीमापुर)
- 4 कोर (तेजपुर)
- 33वीं कोर (सिलीगुड़ी)
2. मध्य कमान (मुख्यालय लखनऊ)-
वर्तमान में इस कमान की कोई इकाई कार्यरत नहीं हैं|
3. उत्तरी कमान (मुख्यालय ऊधमपुर)-
वर्तमान में इस कमान के 7 डिविजन, 3 कोर और 1 ब्रिगेड कार्यरत हैं|
- 3 इन्फेंट्री डिविजन (लेह)
- 19वीं इन्फेंट्री डिविजन (बारामुला)
- 10वीं इन्फेंट्री डिविजन (अखनूर)
- 8वीं माउन्टेन डिविजन (द्रास)
- 28वीं माउन्टेन डिविजन (गुरेज)
- 25वीं इन्फेंट्री डिविजन (राजौरी)
- 39वीं इन्फेंट्री डिविजन (योल)
- 14वीं कोर (लेह)
- 15वीं कोर (श्रीनगर)
- 16वीं कोर (नगरोटा)
- 10वीं तोपखाना ब्रिगेड
4. दक्षिणी कमान (मुख्यालय पुणे)-
वर्तमान में इस कमान के 6 डिविजन, 2 कोर और 3 ब्रिगेड कार्यरत हैं|
- 41वीं तोपखाना डिविजन (पुणे)
- 11वीं इन्फेंट्री डिविजन (अहमदाबाद)
- 31वीं बख्तरबंद डिविजन (झाँसी)
- 12वीं रैपिड डिविजन (जोधपुर)
- 36वीं रैपिड डिविजन (सागर)
- 54वीं इन्फेंट्री डिविजन (हैदराबाद)
- 4 बख्तरबंद ब्रिगेड
- 340वीं मशीनगन ब्रिगेड
- 475वीं इंजीनियरिंग ब्रिगेड
- 12वीं कोर (जोधपुर)
- 21वीं कोर (भोपाल)
5. दक्षिण-पश्चिमी कमान (मुख्यालय जयपुर)-
वर्तमान में इस कमान के 7 डिविजन, 2 कोर और 3 ब्रिगेड कार्यरत हैं|
- 42वीं तोपखाना डिविजन (जयपुर)
- 4 इन्फेंट्री डिविजन (इलाहबाद)
- 16वीं इन्फेंट्री डिविजन (श्रीगंगानगर)
- 6ठी माउन्टेन डिविजन (बरेली)
- 18वीं रैपिड डिविजन (कोटा)
- 33वीं बख्तरबंद डिविजन (हिसार)
- 24वीं रैपिड डिविजन (बीकानेर)
- 6ठी बख्तरबंद ब्रिगेड
- 615वीं वायु रक्षा ब्रिगेड
- 471वीं इंजीनियरिंग ब्रिगेड
- 1 कोर (मथुरा)
- 10वीं कोर (भटिंडा)
6. पश्चिमी कमान (मुख्यालय चण्डीगढ़)-
वर्तमान में इस कमान के 9 डिविजन, 3 कोर और 6 ब्रिगेड कार्यरत हैं|
- 40वीं तोपखाना डिविजन (अम्बाला)
- 1 बख्तरबंद डिविजन (पटियाला)
- 26वीं इन्फेंट्री डिविजन (जम्मू)
- 7वीं इन्फेंट्री डिविजन (फिरोजपुर)
- 14वीं रैपिड डिविजन (देहरादून)
- 29वीं इन्फेंट्री डिविजन (पठानकोट)
- 9वीं इन्फेंट्री डिविजन (मेरठ)
- 22वीं इन्फेंट्री डिविजन (मेरठ)
- 15वीं इन्फेंट्री डिविजन (अमृतसर)
- 2 बख्तरबंद ब्रिगेड
- 3 बख्तरबंद ब्रिगेड
- 23 बख्तरबंद ब्रिगेड
- 612वीं वायु रक्षा ब्रिगेड
- 474वीं इंजीनियरिंग ब्रिगेड
- 55वीं मशीनगन ब्रिगेड
- 2 कोर (अम्बाला)
- 9वीं कोर (योल)
- 11वीं कोर (जालन्धर)
ट्रेनिंग कमान (मुख्यालय शिमला)-
यह कमान सेना में सभी संस्थागत प्रशिक्षण के लिए नोडल एजेंसी है | इसके प्रमुख भी जनरल ऑफिसर कमांडिंग होते हैं। तीन स्टार वाले ये अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के होते हैं। इसे नीचे कैटिगिरी ए और कैटिगिरी बी में बांटा जाता है। ए में लेफ्टिनेंट जनरल और मेजर जनरल होते हैं। वहीं बी में मेजर जनरल और ब्रिगेडियर लेवल के जवान शामिल हैं।
नोट: इसके अलावा भारतीय सेना की स्वतंत्र पैराशूट ब्रिगेड भी है जो आगरा में स्थित है एवं यह सीधे थल सेनाध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में आता है|
आइए अब जानते हैं कि कमान में सेना का संगठन किस प्रकार होता है?
1. सेक्शन: सेना की सबसे छोटी इकाई को “सेक्शन” कहते हैं, इसमें 10-12 सैनिक होते हैं| यह आर्मी का सबसे छोटा दस्ता। हवलदार रैंक वाला जवान इसका प्रमुख होता है।
2. प्लाटून/पलटन: यह तीन सेक्शन से मिलकर बनता है। कमांडर जेसीओ रैंक का होता है।
3. कंपनी: इसमें 4 प्लाटून शामिल होते हैं| इसके प्रमुख को कंपनी कमांडर कहते हैं| लेफ्टिनेंट कर्नल या मेजर इसका प्रमुख होता है। यह तीन प्लटून से मिलकर बनता है।
4. बटालियन: इसके प्रमुख को कर्नल कहते हैं| यह कर्नल स्तर के होते हैं। चार राफइल कंपनी मिलकर बटालियन बनती है।
5. ब्रिगेड: इसके प्रमुख को ब्रिगेडियर कहते हैं। तीन बटालियन मिलकर एक ब्रिगेड बनती हैं। प्रमुख भी ब्रिगेडियर रैंक का होता है।
6. डिविजन: इसके प्रमुख को मेजर जनरल कहते हैं। 3-4 ब्रिगेड मिलकर एक डिविजन बनती हैं। अधिकारी टू स्टार होता है।
7. कोर: इसके प्रमुख को लेफ्टिनेंट जनरल कहते हैं| तीन से चार डिविजन मिलकर एक सैन्य दल बनता है।
भारतीय सेना का संगठन-
भारतीय सेना का संगठन(structure of indian army in hindi) को दो भागों में आयोजित किया जाता है – सशस्त्र दल और सेवा दल
सशस्त्र दल: सशस्त्र दल में उन सैनिकों को शामिल किया जाता है जो खोजी अभियान (search operation) में भाग लेते हैं|
सशस्त्र दल: सशस्त्र दल में निम्नलिखित विभाग शामिल होते हैं-
1. बख्तरबंद दल
2. इन्फेंट्री (पैदल सेना)
3. मशीनगन इन्फैंट्री
सहायक सशस्त्र दल: सहायक सशस्त्र दल में निम्नलिखित विभाग शामिल होते हैं-
1. तोपखाना
2. इंजीनियर्स
3. वायु रक्षा सेना
4. विमानन सेना दल
5. सिग्नल देने वाला दल
सेवा दल: सशस्त्र दल के अलावा शेष पूरी सेना को सेवा दल के अंतर्गत रखा जाता है| इनका मुख्य कार्य सेना को रसद (खाद्य सामग्री) उपलब्ध करवाना और सेना में प्रशासनिक तंत्र को चलाना है|
सेवा दल: सेवा दल में निम्नलिखित विभाग शामिल होते हैं-
- सेना सेवा कोर- जो राशन, परिवहन मुहैया करवाती है|
2. सेना चिकित्सा कोर
3. सेना आयुध कोर – जो गोला बारूद, वाहन, कपड़े और सभी उपकरण मुहैया करवाती है|
4. इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियर्स कोर- जो हथियारों एवं वाहनों की मरम्मत करती है|
5. रीमाउंट वेटनरी कोर- जो सेना को नए हथियार और तकनीक मुहैया करवाती है|
6. गुप्तचर कोर- जो दुश्मन के बारे में गुप्त सूचनाएं मुहैया करवाती है|
इंडियन आर्मी रैंक वाइज वेतन 2020-21, 7वीं सीपीसी ग्रेड पे और कुल वेतन चार्ट-Salary Structure in Indian Army in hindi
भारतीय सेना का वेतन सेना के जवानों के पद (Ranks)या ट्रेड (trades) पर निर्भर करता है।भारतीय सेना का वेतन और भुगतान सेवा की समय अवधि, स्थान आदि पर भी निर्भर करता है।
जैसा कि आप देख सकते हैं कि भारतीय सेना अपने कर्मचारियों को आकर्षक वेतन पैकेज और पारिश्रमिक लाभ प्रदान करती है। यहां विभिन्न रैंक के लिए भारतीय सेना के वेतन ढांचे और वेतनमान के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है।
Name of the Post | Pay Scale | Grade Pay | Army Service Pay | Total In-hand Cash (Indian Army Salary) |
Sepoy | 5200-20200(Level 3) | 1800 | 2000 | 25,000 |
Lance Naik | 5200-20200 | 2000 | 2000 | 30,000 |
Naik | 5200-20200 (Level 4) |
2400 | 2000 | 35,000 |
Havaldar | 5200-20200 (Level 5) |
2800 | 2000 | 40,000 |
Naib Subedar | 9300-34800 (Level 6) |
4200 | 2000 | 45,000 |
Subedar | 9300-34800 (Level 7) |
4600 | 2000 | 50,000 |
Subedar Major | 9300-34800 (Level 8) |
4800 | 2000 | 65,000 |
Lieutenant | 15600-39100 (Level 10) |
5400 | 6000 | 68,000 |
Captain | 15600-39100 (Level 10 B) |
6100 | 6000 | 75,000 |
Major | 15600-39100 (Level 11) |
6600 | 6000 | 1,00,000 |
Lieutenant Colonel | 37400-67000 (Level 12) |
8000 | 6000 | 1,12,000 |
Colonel | 37400-67000 (Level 13) |
8700 | 6000 | 1,30,000 |
Brigadier | 37400-67000 (Level 13A) |
8900 | 6000 | 1,39,600 |
Major General | 37400-67000 (Level 14) |
10,000 | – | 1,44,200 |
Lieutenant General | 37400-67000 | – | – | 1,82,200 |
General | – | – | – | 2,50,000 |
ग्रेड पे वह राशि है जो सरकारी कर्मचारियों को कर्मचारी की श्रेणी, वर्ग और वेतन बैंड के आधार पर मिलती है।
मूल वेतन एक कर्मचारी की आधार आय है, जिसमें कुल वेतन का 35-50% शामिल है। यह एक निश्चित राशि है जो बोनस, ओवरटाइम या भत्ते के कारण किसी भी कटौती या वृद्धि से पहले भुगतान की जाती है। मूल वेतन का निर्धारण पदनाम के आधार पर किया जाता है।
भारतीय सेना(Indian Army) के लिए अन्य भत्ते-Salary Structure in Indian Army in hindi
सेना कार्मिक को दिए गए विभिन्न भत्ते और भत्ते हैं, जो नीचे सूचीबद्ध हैं:
- आजीवन पेंशन
- परिवहन भत्ते
- महंगाई भत्ते
- आवास भत्ते
- किट रखरखाव भत्ते
- क्षेत्र भत्ते
- पैराशूट पे
- उच्च ऊंचाई भत्ते
- विशेष बल
- 2 महीने की वार्षिक छुट्टी
- 20 दिनों की आकस्मिक छुट्टी
- अंतिम वेतन आहरण के 300 दिनों तक की छुट्टी
- पूर्ण वेतन और सभी लाभों के साथ 2 साल तक की छुट्टी
- सेवानिवृत्त अधिकारियों के लिए एमबीए प्रोग्राम
- डेथ कम रिटायरमेंट ग्रेच्युटी और विदेशी पोस्टिंग।
इन भत्तों के अतिरिक्त, भारतीय सेना के एक जवान को कई अन्य लाभ भी मिलते हैं जैसे:
- हवाई / रेल यात्रा रियायत
- नि: शुल्क अस्पताल की सुविधा
- कम ब्याज वाले ऋण
- कैंटीन सुविधाएं, राशन आदि।
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