स्वतन्त्रता के बाद से भारत में किसी जाति, संप्रदाय, समुदाय, धर्म अथवा क्षेत्र के आधार पर कोई नयी रेजिमेंट बनाने के बजाय एक ऐसा सैन्य-बल खड़ा करने की नीति रही है | जिसमें भारतीय इंफेंट्री के तौर पर सम्पूर्ण देश का प्रतिनिधित्व हो।
लेकिन मौजूदा समय में भी भारत में जाति एवं क्षेत्र पर आधारित अनेक रेजिमेंट हैं | जैसे- गोरखा, डोगरा, गढवाल, जाट, मद्रास, असम आदि।
भारतीय सेना में सैनिकों एवं अधिकारियों को विभिन्न रेजीमेंट्स में बांटा गया है | इन रेजीमेंट्स को ज़रूरत के हिसाब से मोर्चों पर भेजा जाता है |
क्या आपको पता है कि भारतीय सेना में कितनी रेजीमेंट्स हैं? शायद आपको ये जानने की कभी ज़रूरत महसूस ना हुई हो, पर आपको अपनी देश की सेना के बारे में बहुत कुछ नहीं, तो थोड़ा बहुत तो पता ही होना चाहिए |
हम यहां आपको भारतीय सेना की उन कुछ रेजीमेंट्स (indian army regiments) से रू-ब-रू करवा रहे हैं | जो तिरेंगे को हमेशा ऊंचा रखने और भारतवासियों को भय से दूर रखने के लिए अपनी जान की भी परवाह नहीं करती है |
तो आइए जानते हैं भारतीय सेना की उन प्रमुख रेजिमेंट (indian army regiments in hindi) और युद्ध में उनके उदघोष के बारे जिससे दुश्मन खौफ खाता है।
Table of Contents
गार्ड ब्रिगेड-indian army regiments in hindi
ब्रिगेड ऑफ गार्ड्स देश की सबसे पुरानी रेजीमेंट हैं। ब्रिगेड के सैनिकों ने अनेकों युद्धों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यही नहीं, यह एक मात्र रेजीमेंट है जिसका नाम जाति या क्षेत्र के आधार पर नहीं है। भारतीयता ही इसकी पहचान है |
स्थापना | 1949 |
आकार | 19 बटालियन |
मुख्यालय(रेजिमेंट केंद्र) | कैम्पटी, महाराष्ट्र |
आदर्श वाक्य | पहला हमेशा पहला |
युद्ध घोष | गरुड़ का हूँ बोल प्यारे |
पैराशूट रेजिमेंट-indian army regiments in hindi
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान इस रेजीमेंट ने अपनी पहली हवाई कार्रवाई की थी | इस कार्रवाई के दौरान एक रीइंफोर्सड गोरखा बटालियन ने ऑपरेशन ड्रैकुला को अंजाम दिया था | जिसके तहत जवान पैराशूट से 1 मई 1945 को बर्मा के हाथी प्वाइंट पर उतरे थे | इस ऑपरेशन में बटालियन को कामयाबी हाथ लगी | इस कामयाबी के बाद भारतीय पैराशूट रेजीमेंट का 1 मार्च 1945 को गठन किया गया, जिसमें चार बटालियनों और स्वतंत्र कंपनियों को एक साथ लाया गया था |
स्थापना | 1945 |
आकार | 17 बटालियन |
मुख्यालय(रेजिमेंट केंद्र) | बैंगलोर, कर्नाटक |
आदर्श वाक्य | शत्रुजीत |
मैकेनाइज़्ड इन्फेंट्री रेजिमेंट-indian army regiments in hindi
मैकेनाइज्ड इन्फैन्ट्री रेजिमेंट भारतीय सेना की एक पैदल सेना रेजिमेंट है | यह 25 बटालियनों में बंटी हुई है दो देश भर में फैली हुई हैं। यह सेना में सबसे कम उम्र रेजिमेंटों में से एक है। यह बटालियन एक आधुनिक सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए जनरल के. सुंदरजी की दूरदर्शिता का नतीजा थी।
स्थापना | 1979 |
आकार | 25 बटालियन |
मुख्यालय(रेजिमेंट केंद्र) | अहमदनगर, महाराष्ट्र |
आदर्श वाक्य | वीरता और विश्वास |
युद्ध घोष | बोलो भारत माता की जय |
पंजाब रेजिमेंट्स-indian army regiments in hindi
पंजाब रेजिमेंट भारतीय सेना की उन सबसे पुरानी रेजीमेंट में से एक है जो अभी भी सेवारत है और इसने विभिन्न लड़ाइयों व युद्धों में भाग लिया है तथा अनेक सम्मान प्राप्त किये हैं। इस रेजिमेंट में मुख्य रूप से पंजाब, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के सिख एवं डोगरा जाति के लोगों की भर्ती की जाती है | जबकि दो बटालियन में अन्य जाति के लोगों की भी भर्ती की जाती है।
स्थापना | 1761 |
आकार | 19 बटालियन |
मुख्यालय(रेजिमेंट केंद्र) | रामगढ़ कैंटोनमेंट, झारखण्ड |
आदर्श वाक्य | स्थल व जल |
युद्ध घोष | जो बोले सो निहाल सत श्री अकाल” “बोल ज्वाला माता की जय” |
मद्रास रेजिमेंट-indian army regiments in hindi
मद्रास रेजिमेंट भारतीय सेना की सबसे पुरानी इंफेंट्री रेजीमेंटों में से एक है | इस रेजिमेंट के अधिकांश सैनिकों का संबंध तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक एवं आंध्रप्रदेश जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों से होता है एवं कन्नड़, तमिल, तेलगू एवं मलयालम भाषियों को वरीयता दी जाती है। लेकिन रेजिमेंट के अधिकारी के रूप में किसी भी राज्य के निवासी की नियुक्ति हो सकती है।
स्थापना | 1758 |
आकार | 21 बटेलियन |
मुख्यालय(रेजिमेंट केंद्र) | उधगमण्डलम ( ऊटी ), तमिलनाडु |
आदर्श वाक्य | स्वधर्मे निधनं श्रेयः (कर्तव्य पालन करते हुए मरना गौरव की बात है।) |
युद्ध घोष | वीरा मद्रासी,अडी कोल्लु अडी कोल्लु (वीर मद्रासी, आघात करो और मारो,आघात करो और मारो!) |
ग्रेनेडियर्स-indian army regiments in hindi
भारतीय सेना में ग्रेनेडियर्स का गठन ब्रिटिश-काल में ही हो गया था, लेकिन बाद में इस सैन्य इकाई का नाम 1945 में परिवर्तित कर दिया गया। इस यूनिट ने दोनों विश्वयुद्धों और स्वंतंत्र भारत के लिए लड़े सभी मुद्दों में अपने युद्ध कौशल का लोहा मनवाया था।
अक्टूबर 1947 में जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान को बढने से रोकने के लिए, ग्रेनेडियर्स को भेजा गया। पाकिस्तानी हमलावरों के कश्मीर में प्रवेश को रोकने के लिए ग्रेनेडियर्स को ‘गुरेज’ घाटी को घेरना जरूरी हो गया था। कई दिनों तक चले युद्ध में ग्रेनेडियर्स ने पाकिस्तानी सेना और आतंकियों पर बुरी तरह पराजित कर खदेड़ दिया। इस निर्णायक जीत के लिए 28 जून 1948 को इस यूनिट को “गुरेज” नामक युद्ध पदक से नवाजा गया।
स्थापना | 1778 |
आकार | 22 बटालियन |
मुख्यालय(रेजिमेंट केंद्र) | जबलपुर, मध्य प्रदेश |
आदर्श वाक्य | सर्वदा शक्तिशाली |
मराठा लाइट इन्फेंट्री-indian army regiments in hindi
इस रेजिमेंट में मूल रूप से महाराष्ट्र एवं कर्नाटक के कुर्ग क्षेत्र के मराठी भाषी लोगों की भर्ती की जाती है, अतः इस रेजिमेंट के सैनिकों को “गणपत” भी कहा जाता है, क्योंकि ये लोग भगवान गणेश की पूजा धूमधाम से करते हैं।
स्थापना | 1768 |
मुख्यालय(रेजिमेंट केंद्र) | बेलगाम, कर्नाटक |
आदर्श वाक्य | ड्यूटी, ऑनर, करेज |
युद्ध घोष | बोल छत्रपति शिवजी महाराज की जय, तेमलाइ माता की जय! |
राजपूताना राइफल्स-indian army regiments in hindi
राजपूताना राइफल्स भारतीय सेना की सबसे पुरानी (सीनियर) राइफल रेजिमेंट है| इस रेजिमेंट में सैनिक के रूप में मूल रूप से राजस्थान एवं मध्यप्रदेश के कुछ हिस्सों के राजपूतों की भर्ती की जाती है। स्वतन्त्रता प्राप्ति से अब तक यह रेजिमेंट पाकिस्तान के विरुद्ध अनेक लड़ाईयों में हिस्सा ले चुकी है।
स्थापना | 1775 |
आकार | 19 बटालियन |
मुख्यालय(रेजिमेंट केंद्र) | दिल्ली कैंट |
आदर्श वाक्य | वीर भोग्य वसुंधरा “वीर ही धरती का भोग करते हैं।” |
युद्ध घोष | राजा रामचन्द्र की जय |
राजपूत रेजिमेंट-indian army regiments in hindi
इस रेजिमेंट में राजपूत, गुर्जर, ब्राह्मण, बंगाली, मुस्लिम, जाट, अहीर, सिख और डोगरा जाति के लोगों की भर्ती की जाती है।
स्थापना | 1778 |
आकार | 20 बटालियन |
मुख्यालय(रेजिमेंट केंद्र) | फतेहगढ़, Uttar Pradesh |
आदर्श वाक्य | सर्वत्र विजय |
युद्ध घोष | बोल बजरंग बली की जय |
जाट रेजिमेंट-indian army regiments in hindi
जाट रेजिमेंट भारतीय सेना की एक इंफेंट्री रेजिमेंट है और भारत में सबसे पुरानी और सबसे अधिक पदक प्राप्त करने वाली रेजीमेंट में से एक है। सन 1839 से 1947 के बीच यह रेजिमेंट 41 युद्ध सम्मान प्राप्त कर चुकी है। इस रेजिमेंट में मुख्यतः पश्चिमी उत्तरप्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली के हिन्दू जाटों की भर्ती की जाती है।
स्थापना | 1795 |
आकार | 24 बटालियन |
मुख्यालय(रेजिमेंट केंद्र) | बरेली, उत्तर प्रदेश |
आदर्श वाक्य | संघटन व वीरता (एकता और शौर्य) |
युद्ध घोष | जाट बलवान, जय भगवान |
सिख रेजिमेंट-indian army regiments in hindi
सिख रेजिमेंट भारतीय सेना की एक पैदल सेना रेजिमेंट है, जिसमें सिख समुदाय से सैनिक भर्ती होते हैं। इस रेजिमेंट की कई अद्वितीय कहानियां हैं। इस रेजिमेंट का इतिहास करीब डेढ़ सौ वर्ष पुराना है। रेजिमेंट की पहली बटालियन अंग्रेजों द्वारा 1846 में सिख साम्राज्य के विलय से पहले बनाई गई थी।
देश की खातिर मर-मिटने की जब भी बात होती है सिख योद्धा सबसे आगे नजर आते हैं। हवलदार ईशर सिंह, मेजर बाना सिंह और कुलदीप सिंह चांदपुरी सरीखे सिख वीरों ने अपने अतुलनीय पराक्रम से अनेक बार असंभव को संभव कर दिखाया है। इतिहास के पन्नो में दर्ज उस सारागढ़ी की जंग को कौन भुला सकता है ? जब महज 21 सिख योद्धाओं ने हजारों अफगानों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। दुश्मन ने जब भी आंख उठाने की कोशिश की है भारतीय सेना की सिख रेजीमेंट ने उसे मुंह तोड़ जवाब दिया हैं।
स्थापना | 1846 |
आकार | 19 बटालियन |
मुख्यालय(रेजिमेंट केंद्र) | रामगढ़ कैंट, झारखण्ड |
आदर्श वाक्य | निश्चय कर अपनी जीत करूँ |
युद्ध घोष | जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल |
सिख लाइट इन्फेंट्री-indian army regiments in hindi
रेजिमेंट भारत के हिमाचल प्रदेश, पंजाब और हरियाणा राज्यों के सिख समुदाय से भर्ती करता है। सिख लाइट इन्फैंट्री की बहुमुखी प्रतिभा ने दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध के मैदान सियाचिन ग्लेशियर पर आतंकवाद से मुकाबला कर अपने आप में महारत हासिल कर दिखाया है |
स्थापना | 1944 |
मुख्यालय(रेजिमेंट केंद्र) | फतेहगढ़, उत्तर प्रदेश |
आदर्श वाक्य | देग तेग फ़तेह |
युद्ध घोष | जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल |
डोगरा रेजिमेंट-indian army regiments in hindi
यह भारतीय सेना की एक इंफेंट्री युनिट है जो 17वीं डोगरा रेजिमेंट के रूप में पूर्ववर्ती ब्रिटिश भारतीय सेना का एक भाग थी। यह रेजिमेंट जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के पहाड़ी क्षेत्रों के डोगरा लोगों को भर्ती करती है।
स्थापना | 1877 |
आकार | 19 बटालियन |
मुख्यालय(रेजिमेंट केंद्र) | फैजाबाद, उत्तर प्रदेश |
आदर्श वाक्य | कर्तव्यं अन्वात्मा |
युद्ध घोष | ज्वाला माता की जय |
गढ़वाल राइफल्स-indian army regiments in hindi
गढ़वाल राइफल्स भारतीय सेना की एक इंफेंट्री रेजिमेंट है। इस रेजिमेंट में मुख्यतः उत्तराखण्ड के गढ़वाली जाति के लोगों की भर्ती की जाती है।
स्थापना | 1887 |
आकार | 20 बटालियन |
मुख्यालय(रेजिमेंट केंद्र) | लैंसडौन, उत्तराखण्ड |
आदर्श वाक्य | युद्ध कीर्ति निश्चय |
युद्ध घोष | बद्री विशाल की जय |
कुमाऊं रेजिमेंट-indian army regiments in hindi
कुमाऊं रेजिमेंट भारतीय सेना की एक इंफेंट्री रेजिमेंट है। इस रेजिमेंट में मुख्यतः कुमाऊं जाति एवं उत्तर भारत के अहीर जाति के लोगों की भर्ती की जाती है।
स्थापना | 1813 |
आकार | 19 बटालियन |
मुख्यालय(रेजिमेंट केंद्र) | रानीखेत, उत्तराखंड |
आदर्श वाक्य | पराक्रमो विजयते (वीरता विजय) |
युद्ध घोष | कालिका माता की जय (देवी काली की विजय) |
असम रेजिमेंट-
1939 से 1945 के बीच 30 देश जिस युद्ध के किरदार बने उसी सेकंड वर्ल्ड वार में असम रेजिमेंट का गठन हुआ। तारीख थी 15 जून और गठन करने वाले अफसर थे लेफ्टिनेंट कर्नल रॉस हॉमैन। ये रेजिमेंट भारत में घुस रही जापानी फौजों का मुकाबला कर रही थीं।
स्थापना | 1941 |
आकार | 22 बटालियन |
मुख्यालय(रेजिमेंट केंद्र) | हैप्पी वैली (शिलाँग), मेघालय |
आदर्श वाक्य | असम विक्रम |
युद्ध घोष | राइनो चार्ज |
बिहार रेजिमेंट-
बिहार रेजिमेंट भारतीय सेना की एक इंफेंट्री रेजिमेंट है। इस रेजिमेंट का मुख्यालय दानापुर छावनी भारत की दूसरी सबसे पुरानी छावनी है। इस रेजिमेंट में सैनिक के रूप में बिहार, झारखण्ड, ओडिसा, गुजरात और महाराष्ट्र के लोगों की भर्ती की जाती है।
स्थापना | 1941 |
आकार | 19 बटालियन |
मुख्यालय(रेजिमेंट केंद्र) | दानापुर, बिहार |
आदर्श वाक्य | करम ही धरम |
युद्ध घोष | जय बजरंग बली/ बिरसा मुंडा की जय |
महार रेजिमेंट-
अंग्रेजों की सेवा करने वाले महार दलित सैनिकों ने ब्राह्मण पेशवाओं के सैनिकों को हराया था | आज भी महार भारतीय सेना का एक प्रमुख अंग है| आजादी के बाद से यह एक रेजिमेंट का नाम है जिसने देश को दो सेना प्रमुख दिए | कई युद्ध जीते और सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परम वीर चक्र तक अपने नाम किया |
स्थापना | 1815 |
आकार | 19 बटालियन |
मुख्यालय(रेजिमेंट केंद्र) | सौगौड़, मध्य प्रदेश |
आदर्श वाक्य | यश सिद्धि |
युद्ध घोष | बोलो हिंदुस्तान की जय |
जम्मू कश्मीर राइफल्स-
जम्मू और कश्मीर राइफल्स भारतीय सेना की एक पैदल सेना रेजिमेंट है। इसकी उत्पत्ति जम्मू और कश्मीर रियासत के जम्मू और कश्मीर राज्य बलों में हुई है। अक्टूबर 1947 में राज्य के भारतीय संघ में प्रवेश के बाद, राज्य बल भारतीय सेना की कमान में आ गए।
स्थापना | 1821 |
आकार | 19 बटालियन |
मुख्यालय(रेजिमेंट केंद्र) | केंद्र जबलपुर, मध्य प्रदेश |
आदर्श वाक्य | प्रस्त रणवीरता |
युद्ध घोष | दुर्गा माता की जय |
नागा रेजिमेंट-
“नागा रेजीमेंट” भारतीय सेना का एक सैन्य-दल है। नागा रेजिमेंट भारतीय सेना के एक पैदल सेना की रेजिमेंट है। यह भारतीय सेना की सबसे कम उम्र की रेजिमेंटों में से एक है 1970 में रानीखेत में पहली बटालियन (1 नागा) उठाया गया था। रेजिमेंट मुख्यतः नागालैंड से भर्ती होती है।
स्थापना | 1970 |
आकार | 3 बटालियन |
आदर्श वाक्य | युद्ध रो जय दुर्गा नागा |
युद्ध घोष | जय दुर्गा नागा |
गोरखा राइफल्स-indian army regiments in hindi
गोरखा रेजिमेंट में मूल रूप से नेपाली मूल के गोरखा लोगों को शामिल किया जाता है। वर्तमान समय में इस रेजिमेंट के विभिन्न भाग है जिन्हें क्रमशः 1 गोरखा रेजिमेंट, 3 गोरखा रेजिमेंट, 4 गोरखा रेजिमेंट आदि नामों से जाना जाता है।
1 गोरखा राइफल्स
स्थापना | 1815 |
आकार | 6 बटालियन |
मुख्यालय(रेजिमेंट केंद्र) | सुबाथू, हिमाचल प्रदेश |
आदर्श वाक्य | कायर हुनू भंडा मारू रामरो (गाय की तरह जीने से बेहतर मरना) |
3 गोरखा राइफल्स
स्थापना | 1815 |
मुख्यालय(रेजिमेंट केंद्र) | वाराणसी, उत्तर प्रदेश |
आदर्श वाक्य | कायर हुनु भन्दा मर्नु राम्रो |
युद्ध घोष | जय महाकाली, आयो गोरखाली |
4 गोरखा राइफल्स
स्थापना | 1857 |
मुख्यालय(रेजिमेंट केंद्र) | सुबथु, हिमाचल प्रदेश |
आदर्श वाक्य | कायर हुनु भन्दा मर्नु राम्रो |
युद्ध घोष | जय महाकाली, आयो गोरखाली |
5 गोरखा राइफल्स (फ्रंटियर फ़ोर्स)
स्थापना | 1858 |
मुख्यालय(रेजिमेंट केंद्र) | शिलोंग, मेघालय |
आदर्श वाक्य | शौर्य एवं निष्ठा |
युद्ध घोष | जय महाकाली, आयो गोरखाली |
8 गोरखा राइफल्स
स्थापना | 1824 |
मुख्यालय(रेजिमेंट केंद्र) | शिलोंग, मेघालय |
आदर्श वाक्य | कायर हुनु भन्दा मर्नु राम्रो |
युद्ध घोष | जय महाकाली, आयो गोरखाली |
9 गोरखा राइफल्स
स्थापना | 1817 |
मुख्यालय(रेजिमेंट केंद्र) | वाराणसी, उत्तर प्रदेश |
आदर्श वाक्य | कायर हुनु भन्दा मर्नु राम्रो |
युद्ध घोष | जय महाकाली, आयो गोरखाली |
11 गोरखा राइफल्स
स्थापना | 1918-1922; 1948 से |
मुख्यालय(रेजिमेंट केंद्र) | लखनऊ, उत्तर प्रदेश |
आदर्श वाक्य | यत्राहम् विजयस्तत्रः |
युद्ध घोष | जय महाकाली, आयो गोरखाली |
राष्ट्रीय राइफल्स-
विश्व की सबसे बड़ी आतंकवाद विरोधी फोर्स अर्थात् राष्ट्रीय रायफल्स जम्मू-कश्मीर में 30 सालों से सफलता के झंडे गाड़ रही है। पिछले 30 सालों में राज्य में मारे गए कुल 25000 से ज्यादा आतंकवादियों में से 15000 से ज्यादा को अकेले राष्ट्रीय रायफल्स ने ही मार गिराया है। यही नहीं हजारों आतंकवादियों को उसने जिन्दा पकड़ा भी है। यह सच है कि 12 सेक्टरों में बंटी हुई राष्ट्रीय रायफल्स विश्व की सबसे बड़ी आतंकवाद विरोधी फोर्स है जिसके पास वर्तमान में एक लाख से अधिक जवान और आफिसर हैं। यह फोर्स सिर्फ जम्मू-कश्मीर में ही तैनात है और इसका गठन 1990 में विशेष तौर पर जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से लड़ाई के लिए जनरल एसएफ रोड्रिग्ज ने किया था |
स्थापना | 1990 |
आकार | 65 बटालियन |
मुख्यालय(रेजिमेंट केंद्र) | दिल्ली |
आदर्श वाक्य | दृढ़ता और वीरता |
भारतीय थल सेना (indian army) से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण आर्टिकल जिसे आप को जरुर पढ़ना चाहिए।