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ब्रह्मोस मिसाइल क्या है? Brahmos Missile के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में

हम इस आर्टिकल में भारतीय सेना (Indian army) में उपयोग हो रहे ब्रह्मोस मिसाइल (Brahmos Missile) के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में जानेंगे तो आइए जानते हैं ‘Brahmos Missile’ के विशेष विवरण (full specifications) के बारे में

Table of Contents

ब्रह्मोस मिसाइल क्या है(What Is Brahmos Missile in hindi)?

भारत का ब्रह्मोस मिसाइल (Brahmos Missile) एक कम दूरी की रैमजेट, सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल है। इसे पनडुब्बी से, पानी के जहाज से, विमान से या जमीन से भी छोड़ा जा सकता है। रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया (NPO Mashinostroeyenia) तथा भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने संयुक्त रूप से इसका विकास किया है।

विशेष विवरण (Brahmos Missile Specifications In Hindi)

प्रकार (Type) क्रूज़ मिसाइल (Cruise missile)
एयर-लॉन्च क्रूज मिसाइल (Air-launch cruise missile)
जहाज रोधी मिसाइल (Anti-ship missile)
भूमि पर हमला करने वाली मिसाइल (Land-attack missile)
सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल (Surface-to-surface missile)
उत्पत्ति का स्थान (Place of origin) भारत (India), रूस (Russia)
सेवा में (In service) नवंबर 2006
निर्माता (Manufacturer) ब्रह्मोस एयरोस्पेस लिमिटेड (DRDO and NPO Mashinostroyeniya)
प्राथमिक उपयोगकर्ता (Primary user) भारतीय सेना (Indian Army)
भारतीय नौसेना (Indian Navy)
भारतीय वायु सेना (Indian Air Force)
वेरिएंट (Variants) जहाज-प्रक्षेपण (Ship-launched)
सतह-प्रक्षेपण (Surface-launched)
पनडुब्बी-प्रक्षेपण (Submarine-launched)
वायु-प्रक्षेपण (Air-launched)
ब्रह्मोस- II (BrahMos-II)
द्रव्यमान (Mass) 3,000 किग्रा
2,500 किग्रा (air-launched)
लंबाई (Length) 8.4 मीटर (28 फीट)
व्यास (Diameter) 0.6 मीटर (2.0 फीट)
वारहेड(Warhead) 200 किलो पारंपरिक अर्ध-कवच-भेदी और परमाणु(200 kg conventional semi-armour-piercing and nuclear)
300 किलो (air-launched)
दोनों का निर्माण भारतीय स्वदेशी आयुध कारखानों द्वारा
इंजन (Engine) पहला चरण (First stage): ठोस रॉकेट बूस्टर (Solid rocket booster)
दूसरा चरण (Second stage): तरल रैमजेट (Liquid ramjet)
दोनों का निर्माण आयुध निर्माणी बोर्ड द्वारा किया गया
आगे ठेलने या ढकेलने वाला (Propellant) पहला चरण: ठोस ईंधन,
दूसरा चरण: तरल ईंधन
रेंज (range) सरफेस / सी प्लेटफ़ॉर्म (Surface/Sea Platform) – 650 किमी को 800 किमी में अपग्रेड किया जाना है
एयर प्लेटफार्म (Air Platform) – 600 किमी को 1,500 किमी में अपग्रेड किया जाना है
उड़ान की छत(Flight ceiling) 15 किमी (49,000 फीट)
अधिकतम गति (Max. speed) 4,300 किमी / घंटा; 2,700 मील प्रति घंटे; 1.2 किमी / sec.
मार्गदर्शन प्रणाली (Guidance system) Mid-course: Inertial Navigation System
Terminal: Active Radar Homing,
GPS / GLONASS / GAGAN Satellite
प्रक्षेपण मंच (Launch platform) जहाज, पनडुब्बी, विमान और भूमि आधारित मोबाइल लांचर।
सटीकता (Accuracy) 1 मीटर CEP

परिचय (introduction of Brahmos Missile )

  1. रूस तथा भारत के द्वारा बनाया गया ब्रह्मोस एक सुपरसॉनिक क्रूज़ प्रक्षेपास्त्र है।
  2. क्रूज़ प्रक्षेपास्त्र उसे कहते हैं जो कम ऊँचाई पर तेजी से उड़ान भरती है और इस तरह से रडार की आँख से बच जाती है।
  3. ब्रह्मोस की विशेषता यह है कि इसे जमीन से, हवा से, पनडुब्बी से, युद्धपोत से यानी कि लगभग कहीं से भी दागा जा सकता है।
  4. यही नहीं इस प्रक्षेपास्त्र को पारम्परिक प्रक्षेपक के अलावा उर्ध्वगामी यानी कि वर्टिकल प्रक्षेपक से भी दागा जा सकता है।
  5. ब्रह्मोस के मेनुवरेबल संस्करण का हाल ही में सफल परीक्षण किया गया। जिससे इस मिसाइल की मारक क्षमता में और भी बढोत्तरी हुई है।
  6. ब्रह्मोस का विकास ब्रह्मोस कोर्पोरेशन के द्वारा किया जा रहा है। यह कम्पनी भारत के डीआरडीओ और रूस के एनपीओ मशीनोस्त्रोयेनिशिया का सयुंक्त उपक्रम है।ब्रह्मोस नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कवा नदी पर रखा गया है।
  7. रूस इस परियोजना में प्रक्षेपास्त्र तकनीक उपलब्ध करवा रहा है और उड़ान के दौरान मार्गदर्शन करने की क्षमता भारत के द्वारा विकसित की गई है।
  8. प्रक्षेपास्त्र तकनीक में दुनिया का कोई भी प्रक्षेपास्त्र तेज गति से आक्रमण के मामले में ब्रह्मोस की बराबरी नहीं कर सकता।
  9. इसकी खूबियाँ इसे दुनिया की सबसे तेज़ मारक मिसाइल बनाती है। यहाँ तक की अमरीका की टॉम हॉक मिसाइल भी इसके आगे फिसड्डी साबित होती है।

मेनुवरेबल तकनीक से लैस है Brahmos Missile

  1. मेनुवरेबल तकनीक यानी कि मिसाइल दागे जाने के बाद अपने लक्ष्य तक पहुँचने से पहले मार्ग को बदलने की क्षमता।
  2. उदाहरण के लिए टैंक से छोड़े जाने वाले गोलों तथा अन्य मिसाइलों का लक्ष्य पहले से निश्चित होता है और वे वहीं जाकर गिरते हैं। या फिर लेज़र गाइडेड बम या मिसाइल होते हैं जो लेजर किरणों के आधार पर लक्ष्य को साधते हैं। परंतु यदि कोई लक्ष्य इन सब से दूर हो और लगातार गतिशील हो तो उसे निशाना बनाना कठीन हो सकता है। यहीं पर यह तकनीक काम आती है।
  3. ब्रह्मोस मेनुवरेबल मिसाइल है। दागे जाने के बाद लक्ष्य तक पहुँचते पहुँचते यदि उसका लक्ष्य मार्ग बदल ले तो यह मिसाइल भी अपना मार्ग बदल लेती है और उसे निशाना बना लेती है।

ब्रह्मोस मिसाइल की विशेषताएँ

  1. ब्रह्मोस मिसाइल(Brahmos Missile) हवा में ही मार्ग बदल सकती है और चलते फिरते लक्ष्य को भी भेद सकती है।
  2. इसको वर्टिकल या सीधे किसी भी तरह प्रक्षेपक से दागा जा सकता है।
  3. यह मिसाइल तकनीक थलसेना, जलसेना और वायुसेना तीनों के काम आ सकती है।
  4. यह 10 मीटर की ऊँचाई पर उड़ान भर सकती है और रडार की पकड में नहीं आती।
  5. रडार ही नहीं किसी भी अन्य मिसाइल पहचान प्रणाली को धोखा देने में सक्षम है। इसको मार गिराना लगभग असम्भव है।
  6. ब्रह्मोस (Brahmos Missile) अमरीका की टॉम हॉक से लगभग दुगनी अधिक तेजी से वार कर सकती है, इसकी प्रहार क्षमता भी टॉम हॉक से अधिक है।
  7. आम मिसाइलों के विपरित यह मिसाइल हवा को खींच कर रेमजेट तकनीक से ऊर्जा प्राप्त करती है।
  8. यह मिसाइल 1200 यूनिट ऊर्जा पैदा कर अपने लक्ष्य को तहस नहस कर सकती है।

Brahmos Missile के भविष्य की योजना

  1. ब्रह्मोस कॉर्पोरेशन अगले 10 साल में करीब 2000 से अधिक ब्रह्मोस मिसाइल (Brahmos Missile) बनाएगा। इन मिसाइलों को रूस से लिए गए सुखोई लड़ाकू जहाजों में लगाया जाएगा।
  2. ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल है, परंतु भविष्य में ब्रह्मोस-2 नाम से हाइपर सोनिक मिसाइल भी बनाई जाएगी जो 7 मैक की गति से वार करेगी। भारत अपनी स्वदेशी सबसोनिक मिसाइल निर्भय भी बना रहा है। ब्रह्मोस-2 करीब 6,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के साथ 290 किलोमीटर दूरी तक लक्ष्य भेद सकेगी।
  3. लेकिन इससे अधिक दूरी की मिसाइल का विकास रूस के साथ मिलकर सम्भव नहीं है क्योंकि रूस अंतरराष्ट्रीय मिसाइल तकनीक नियंत्रण संधि (एमटीसीआर) का हस्ताक्षरकर्ता है। इससे वह 300 किमी से अधिक मारक क्षमता वाली मिसाइल के विकास में अन्य देशों को मदद नहीं दे सकता है।

ब्रह्मोस मिसाइल (Brahmos Missile) का परीक्षण

18 दिसम्बर 2009 को भारत ने गुरुवार को बंगाल की खाड़ी में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया। इस मिसाइल का निर्माण भारत और रूस के संयुक्त सैन्य उपक्रम ने किया है।

ब्रह्मोस मिसाइल (Brahmos Missile) का प्रक्षेपण

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के एक अधिकारी के अनुसार, ब्रह्मोस मिसाइल को बंगाल की खाड़ी में एक युध्दपोत से प्रक्षेपित किया गया। परीक्षण को एक मोबाइल प्रक्षेपक के द्वारा अंजाम दिया गया। मिसाइल ने लक्ष्यों को सफलतापूर्वक भेद दिया।
यह पहली बार है जब ब्रह्मोस का प्रक्षेपण जहाज पर लगाए गए यूनीवर्सल वर्टिकल लांचर से किया गया। अधिकारी ने कहा, आज अधिकतर जहाजों पर वर्टिकल लांचर लगे हुए हैं ऐसे में ब्रह्मोस का यह परीक्षण काफी मायने रखता है।

Brahmos Missile की क्षमता

मिसाइल की मारक क्षमता 290 किलोमीटर है और यह 300 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री अपने साथ ले जा सकता है। मिसाइल की गति ध्वनि की गति से करीब तीन गुना अधिक है।
भारतीय नौसेना ने बृहस्पतिवार को 290 किलोमीटर तक मार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को सफलतापूर्वक पहली बार लंबवत अवस्था में प्रक्षेपित किया। इसके साथ ही ब्रह्मोस दुनिया की पहली और एकमात्र सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल बन गई है जिसे नौसैनिक प्लेटफार्म से लंबवत और झुकी हुई दोनों अवस्था में प्रक्षेपित किया जा सकता है।

भारतीय रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि ब्रह्मोस मिसाइल के प्रक्षेपण में इस्तेमाल लंबवत प्रक्षेपक की रचना और विकास भारत-रूस के संयुक्त उपक्रम ब्रह्मोस कार्पोरेशन ने किया। तथा इस परीक्षण के उद्देश्यों को पूरी तरह हासिल किया गया है। प्रक्षेपण वरिष्ठ नौसैनिक अधिकारियों और डीआरडीओ के वैज्ञानिकों की मौजूदगी में संपन्न हुआ।

इस आर्टिकल से सम्बंधित आप के मन में उठ रहे कुछ सवालों के जबाब के बारे में अब जानेंगें |

ब्रह्मोस मिसाइल क्या है?

ब्रह्मोस मिसाइल एक कम दूरी की रैमजेट, सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल है। इसे पनडुब्बी से, पानी के जहाज से, विमान से या जमीन से भी छोड़ा जा सकता है।

ब्रह्मोस मिसाइल की गति क्या है?

ब्रह्मोस मिसाइल की गति 4,300 किमी / घंटा अथवा 2,700 मील प्रति घंटे अथवा 1.2 किमी / sec. होता है |

ब्रह्मोस मिसाइल किसने बनाया?

ब्रह्मोस का विकास ब्रह्मोस एयरोस्पेस लिमिटेड के द्वारा किया जा रहा है। यह कम्पनी भारत के डीआरडीओ और रूस के एनपीओ मशीनोस्त्रोयेनिशिया का सयुंक्त उपक्रम है।ब्रह्मोस नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कवा नदी पर रखा गया है।

ब्रह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता क्या है?

मिसाइल की मारक क्षमता 290 किलोमीटर है और यह 300 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री अपने साथ ले जा सकता है। मिसाइल की गति ध्वनि की गति से करीब तीन गुना अधिक है।

ब्रह्मोस मिसाइल किन देशों के पास है?

ब्रह्मोस मिसाइल अभी भारत और रूस के पास है लेकिन फिलीपींस, वियतनाम, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, ओमान, चिली और ब्रुनेई सहित कई देशों ने मिसाइल में रुचि व्यक्त की है।

क्या चीन के पास ब्रह्मोस मिसाइल है?

नहीं , चीन के पास ब्रह्मोस मिसाइल नहीं है |

क्या ब्रह्मोस एक बैलिस्टिक मिसाइल है?

नहीं , ब्रह्मोस एक बैलिस्टिक मिसाइल नहीं है यह एक सुपरसॉनिक क्रूज़ मिसाइल है।

मिसाइलों को आम तौर पर उनके प्रकार, लॉन्च मोड, रेंज, प्रोपल्शन, वारहेड और गाइडेंस सिस्टम प्रकार के आधार पर अलग किया जाता है और यह दो प्रकार के होते हैं –

  1. क्रूज मिसाइल (सबसोनिक क्रूज मिसाइल, सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल)
  2. बैलिस्टिक मिसाइल

क्या ब्रह्मोस लद्दाख में तैनात है?

भारत पहले ही लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में चीन के साथ वास्तविक सीमा के साथ कई रणनीतिक स्थानों पर मूल ब्रह्मोस मिसाइलों और अन्य प्रमुख उपकरणों की एक बड़ी संख्या में तैनात कर चुका है।

ब्रह्मोस मिसाइल से सम्बंधित ऐसे ही और सवालों के जबाब के लिए निचे दिए गए बॉक्स में कमैंट्स करें
आप के सारे सवालों का उत्तर हम देने का प्रयास करेंगे |

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