अग्नि मिसाइल (Agni Missile) भारत के द्वारा विकसित मध्यम से अंतरमहाद्वीपीय रेंज बैलिस्टिक मिसाइलों का एक परिवार है, जिसका नाम प्रकृति के पांच तत्वों में से एक है। अग्नि मिसाइल लंबी दूरी , परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम, सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल हैं।
हम इस आर्टिकल में भारतीय सेना (Indian army) में उपयोग हो रहे अग्नि मिसाइल (Agni Missile) के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में जानेंगे तो आइए जानते हैं ‘Agni Missile’ के विशेष विवरण (full specifications) के बारे में
नाम | प्रकार | पहुंच (रेंज) |
अग्नि-1 | मध्यम दुरी का बैलिस्टिक मिसाइल | 700 – 1,250 किलोमीटर |
अग्नि-2 | मध्यवर्ती दुरी का बैलिस्टिक मिसाइल | 2,000 – 3,000 किलोमीटर |
अग्नि-3 | मध्यवर्ती दुरी का बैलिस्टिक मिसाइल | 3,500 – 5,000 किलोमीटर |
अग्नि-4 | मध्यवर्ती दुरी का बैलिस्टिक मिसाइल | 3,000 – 4,000 किलोमीटर |
अग्नि-5 | अंतरमहाद्विपीय बैलिस्टिक मिसाइल | 5,000 – 8,000 किलोमीटर |
अग्नि-6 | अंतरमहाद्विपीय बैलिस्टिक मिसाइल | 8,000 – 10,000 किलोमीटर |
Table of Contents
विशेष विवरण ( Agni Missile Specifications In Hindi)
प्रकार (Type) | मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (अग्नि- I, अग्नि- II) इंटरमीडिएट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (अग्नि- III, अग्नि- IV) इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (अग्नि- V, अग्नि VI) |
उत्पत्ति का स्थान (Place of origin) | भारत (India) |
उत्पादक (Manufacturer) | भारत डायनामिक्स लिमिटेड रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन(DRDO) |
द्रव्यमान (Mass) | 12,000 किग्रा (अग्नि- I) 16,000 किग्रा (अग्नि- II) 48,000 किग्रा (अग्नि III) 17,000 किग्रा (अग्नि- IV) 49,000 किग्रा (अग्नि- V) 55,000 किग्रा (अग्नि VI) |
लंबाई (Length) | 15 मीटर (अग्नि- I) 21 मीटर (अग्नि- II) 17 मीटर (अग्नि- III) 20 मीटर (अग्नि- IV) 17.5 मीटर (अग्नि- V) |
व्यास (Diameter) | 1.0 मीटर (अग्नि- I, अग्नि- II) 2.0 मीटर (अग्नि- III, अग्नि V) 1.1 मीटर (अग्नि VI) |
वारहेड (Warhead) | परम्परागत उच्च विस्फोटक-एकात्मक, पैठ, क्लस्टर मौन, आग लगाने वाला हथियार, थर्मोबारिक, सामरिक परमाणु हथियार (Conventional high explosive-unitary, penetration, cluster munitions, incendiary weapon, thermobaric, strategic nuclear weapon) |
यन्त्र (Engine) | समग्र रॉकेट मोटर (Composite rocket motor) |
आगे ठेलने या ढकेलने वाला (Propellant) | ठोस ईंधन (Solid fuel) |
ऑपरेशनल रेंज (Operational range) | 700-1,200 किमी (अग्नि- I) 2,000–3,500 किमी (अग्नि- II) 3,000-5,000 किमी (अग्नि- III) 3,500- 4000 किमी (अग्नि- IV) 5,000-8,000 किमी (अग्नि- V) 11,000-12,000 किमी (अग्नि VI) |
उड़ान की ऊंचाई (Flight altitude) | 300 किमी (अग्नि- I) 230 किमी (अग्नि- II), 350 किमी (अग्नि- III) |
अधिकतम गति (Max. speed) | 2.5 किलोमीटर / सेकंड (अग्नि -1) 3.5 किलोमीटर / सेकंड (अग्नि -2) 24 Mach (Agni 5) |
मार्गदर्शन प्रणाली (Guidance system) | मिड-कोर्स: रिंग लेजर गायरो इनरट्रियल नेविगेशन सिस्टम जिसके साथ GPS / NavIC सैटेलाइट गाइडेंस है टर्मिनल: इंफ्रारेड होमिंग, रडार सीन सहसंबंध, सक्रिय रडार होमिंग |
प्रक्षेपण मंच (Launch platform) | 8 x 8 टाट्रा TELAR (ट्रांसपोर्टर निर्माता लांचर) रेल मोबाइल लांचर |
क्या होता है मोबाइल लॉन्चर
जब किसी ट्रक या ट्रेन के प्लेटफॉर्म के ऊपर मिसाइल को लॉन्च के लिए सेट किया जाता है तो उस प्लेटफॉर्म को मोबाइल लॉन्चर कहा जाता है। इससे मिसाइल को जल्द से जल्द कहीं भी ले जाकर लॉन्च किया जा सकता है।
अग्नि-1 मिसाइल (Agni-1 Missile)
- अग्नि-1 मिसाइल (Agni Missile 1) स्वदेशी तकनीक से विकसित सतह से सतह पर मार करने वाली परमाणु सक्षम मिसाइल है।
- इसकी मारक क्षमता सात सौ किलोमीटर है।
- मिसाइल का परीक्षण ओड़िशा के बालासोर से करीब 100 किलोमीटर दूर व्हीलर द्वीप स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आइटीआर) से किया गया था।
- यह ठोस ईंधन द्वारा संचालित है। करीब 12 टन वजनी 15 मीटर लंबी अग्नि-1 मिसाइल 1,000 किलोग्राम के पारंपरिक और साथ ही परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है।
- मिसाइल को रेल व सड़क दोनों प्रकार के मोबाइल लांचरों से छोड़ा जा सकता है।
- अग्नि-1 (Agni Missile 1) में विशेष नौवहन प्रणाली लगी है जो सुनिश्चत करती है कि मिसाइल अत्यंत सटीक निशाने के साथ अपने लक्ष्य पर पहुंचे।
- अग्नि-1 (Agni Missile 1) को डीआरडीओ की प्रमुख मिसाइल विकास प्रयोगशाला “एडवास्ड सिस्टम्स लैबोरैटरी” (एएसएल) द्वारा रक्षा अनुसंधान विकास प्रयोगशाला और अनुसंधान केंद्र इमारत (आरसीआई) के सहयोग से विकसित और भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) हैदराबाद द्वारा एकीकृत किया गया था।
- अग्नि-1 (Agni Missile 1) का पहली बार परीक्षण 1989 में चांदीपुर के अंतरिम टेस्ट रेंज में किया गया था और यह 1,000 किलोग्राम या एक परमाणु बम का पारंपरिक पेलोड ले जाने में सक्षम है ।
- भारतीय सेना के स्ट्रेटजिक फोर्सेज़ कमांड ने 700 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली मिसाइल को परीक्षण के लिए लॉन्च पैड-4 से संचालित किया। यह लॉन्च पैड ओडिशा के तट से सटे बालासोर में अब्दुल कलाम द्वीप के इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आईटीआर) में स्थित है।
- जमीन से जमीन पर वार करने वाली इस सिंगल-स्टेज मिसाइल को सॉलिड प्रॉपलैंट्स द्वारा बनाया गया है। अग्नि-1 को सेना द्वारा नियमित ट्रेनिंग के तहत लॉन्च किया गया था।
- अग्नि-1 (Agni Missile 1) एक एकल चरण, ठोस ईंधन , सड़क और रेल मोबाइल, शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (SRBM) है।
- पाकिस्तान के साथ कारगिल युद्ध के बाद अग्नि-1 की आवश्यकता महसूस की गई थी।
- DRDO अब सटीकता और विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए अग्नि- IV और अग्नि- V प्लेटफॉर्म से नई तकनीकों को उधार लेकर अग्नि -1 पी नामक एक उन्नत दो चरण संस्करण विकसित कर रहा है ।
अग्नि-2 मिसाइल (Agni-2 Missile)
- अग्नि-2 (Agni Missile -2) भारत की मध्यवर्ती दुरी बैलिस्टिक मिसाइल है।
- इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने विकसित किया है।
- अत्याधुनिक तकनीक से बनी 21 मीटर लंबी और 1.3 मीटर चौड़ी अग्नि-2 मिसाइल परमाणु हथियारों से लैस होकर 1 टन पेलोड ले जाने में सक्षम है।
- 3 हजार किलोमीटर तक के दायरे में इस्तेमाल की जाने वाली इस मिसाइल में तीन चरणों का प्रोपल्शन सिस्टम लगाया गया है।
- इसे हैदराबाद की प्रगत (उन्नत) प्रणाली प्रयोगशाला (Advanced Systems Laboratory) ने तैयार किया है।
- अग्नि-2 मिसाइल (Agni Missile -2) सतह से सतह पर मार करने में सक्षम है।
- दो स्टेज में अपना लक्ष्य हासिल करने वाली यह मिसाइल सॉलिड फ्यूल से चलती है।
- इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (आईआरबीएम) ‘अग्नि-2′ को पहले ही सशस्त्र बलों में शामिल किया जा चुका है |
- स्ट्रैटिजिक फोर्सेज कमांड ने यह परीक्षण ओडिशा के एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप पर किया।
अग्नि-3 मिसाइल (Agni-3 Missile)
- अग्नि-3 (Agni Missile 3) , अग्नि-2 के सफल प्रक्षेपण के बाद भारत द्वारा विकसित मध्यवर्ती दुरी बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र है।
- इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने विकसित किया है। जिसकी मारक क्षमता 3500 किमी से 5000 किमी तक है।
- बालासोर के एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप पर बनी इंटिग्रेटेड टेस्ट रेंज (आईटीआर) के लांच कॉम्प्लेक्स-4 से इस मिसाइल को मोबाइल लांचर के जरिये फायर किया गया था।
- अग्नि-3 मिसाइल (Agni Missile 3) में हाइब्रिड नेविगेशन, गाइडेंस और कंट्रोल सिस्टम लगा हुआ है, जिसे मिसाइल पर लगा एडवांस कंप्यूटर संचालित करता है।
- इस नेविगेशन सिस्टम के चलते ही इस मिसाइल का निशाना बिल्कुल सटीक होता है।
- इस मिसाइल की साइज भी बहुत ज्यादा है। इसकी लंबाई 17 मीटर और व्यास 2 मीटर है। जो एक सेकेंड में पांच किलोमीटर की दूरी तय करने में सक्षम है।
- 50 टन वजन वाली मिसाइल में दो चरणों वाला इंजन लगा है जो ठोस ईंधन से चलता है। यह मिसाइल अपने साथ 1.5 टन का हथियार ले जाने में सक्षम है।
अग्नि-4 मिसाइल (Agni-4 Missile)
- अग्नि-4 (Agni-IV) एक इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है।
- अग्नि-4 (Agni Missile 4)अग्नि श्रृंखला की मिसाइलों में चौथा मिसाइल है जिसे पहले अग्नि 2 प्राइम मिसाइल कहा जाता था।
- जिसे भारतीय सशस्त्र बलों के इस्तेमाल के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा विकसित किया गया है।
- रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने इस मिसाइल प्रौद्योगिकी में कई नई प्रौद्योगिकियों और महत्वपूर्ण सुधार को प्रदर्शित किया है।
- मिसाइल हल्के वजन वाली है और इसमें ठोस प्रणोदन के दो चरण और पुन: प्रवेश गर्मी कवच के साथ एक पेलोड मॉड्यूल है।
- यह मिसाइल अपने प्रकारों में एक अलग ही मिसाइल है, यह पहली बार कई नई प्रौद्योगिकियों को साबित करती है और मिसाइल प्रौद्योगिकी के मामले में एक क्वांटम छलांग दर्शाती है।
- मिसाइल वजन में हल्का है और इसमें ठोस प्रणोदन के दो चरण और पुन: प्रवेश गर्मी कवच के साथ एक पेलोड है।
- मिश्रित रॉकेट मोटर, जिसे पहली बार इस्तेमाल किया गया है, ने उत्कृष्ट प्रदर्शन दिया है।
- उच्च स्तर की विश्वसनीयता प्रदान करने के लिए मिसाइल प्रणाली आधुनिक और कॉम्पैक्ट उड्डयनकी से सुसज्जित है।
- स्वदेशी रिंग लेजर जाइरोस्कोप आधारित उच्च सटीकता वाला जड़त्वीय नेविगेशन प्रणाली और माइक्रो नेविगेशन सिस्टम (एमआईजीआईएस) को एक-दूसरे के साथ पहली बार सफलतापूर्वक मार्गदर्शन मोड में चलाया गया है।
- वितरित उड्डयनकी आर्किटेक्चर, हाई स्पीड विश्वसनीय संचार बस और एक पूर्ण डिजिटल कंट्रोल सिस्टम के साथ उच्च प्रदर्शन वाले कंप्यूटर मिसाइल को लक्ष्य पर नियंत्रित और निर्देशित करता है।
- मिसाइल उच्च स्तर की बहुत सटीकता से लक्ष्य तक पहुंचता है।
- लॉन्च रेज के साथ रडार और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल प्रणालियों ने मिसाइल के सभी मापदंडों को ट्रैक और मॉनिटर किया है।
- श्रीमती टेस्सी थॉमस, अग्नि-4 परियोजना की निदेशक और उनकी टीम ने मिसाइल प्रणाली को तैयार और एकीकृत किया तथा मिसाइल को सफलतापूर्वक लॉन्च किया।
अग्नि-5 मिसाइल (Agni-5 Missile)
- अग्नि 5 (Agni Missile 5) भारत की अन्तरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है। इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने विकसित किया है।
- यह अत्याधुनिक तकनीक से बनी 17 मीटर लंबी और दो मीटर चौड़ी है।
- अग्नि-5 मिसाइल (Agni Missile 5) परमाणु हथियारों से लैस होकर 1 टन पेलोड ले जाने में सक्षम है।
- 5 हजार किलोमीटर तक के दायरे में इस्तेमाल की जाने वाली इस मिसाइल में तीन चरणों का प्रोपल्शन सिस्टम लगाया गया है।
- इसे हैदराबाद की उन्नत प्रणाली प्रयोगशाला (Advanced Systems Laboratory) ने तैयार किया है।
- इस मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत है MIRV तकनीक यानी एकाधिक स्वतंत्र रूप से लक्षित करने योग्य पुनः प्रवेश वाहन (Multiple Independently targetable Re -entry Vehicle)।
- इस तकनीक की मदद से इस मिसाइल से एक साथ कई जगहों पर वार किया जा सकता है, एक साथ कई जगहों पर गोले दागे जा सकते हैं, यहां तक कि अलग-अलग देशों के ठिकानों पर एक साथ हमले किए जा सकते हैं।
- अग्नि 5 मिसाइल (Agni Missile 5) का इस्तेमाल बेहद आसान है। इसे रेल सड़क हो या हवा, कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है। देश के किसी भी कोने में इसे तैनात कर सकते हैं जबकि किसी भी प्लेटफॉर्म से युद्ध के दौरान इसकी मदद ली जा सकती हैं।
- यही नहीं अग्नि पांच के लॉन्चिंग सिस्टम में कैनिस्टर तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इसकी वजह से इस मिसाइल को कहीं भी बड़ी आसानी से ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है, जिससे हम अपने दुश्मन के करीब पहुंच सकते हैं।
- अग्नि 5 मिसाइल की कामयाबी से भारतीय सेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी क्योंकि न सिर्फ इसकी मारक क्षमता 5 हजार किलोमीटर है, बल्कि ये परमाणु हथियारों को भी ले जाने में सक्षम है।
- अग्नि-5 (Agni Missile 5) भारत की पहली अंतर महाद्वीपीय यानी इंटरकॉन्टिनेंटल बालिस्टिक मिसाइल है।
- अग्नि 5 के बाद भारत की गिनती उन 5 देशों में हो गई है जिनके पास है इंटरकॉन्टिनेंटल बालिस्टिक मिसाइल यानी आईसीबीएम है।
- भारत से पहले अमेरिका, रूस, फ्रांस और चीन ने इंटर-कॉन्टिनेंटल बालिस्टिक मिसाइल की ताकत हासिल की है।
- ये करीब 10 साल का फासला है जब भारत की ताकत अग्नि-1 मिसाइल से अब अग्नि 5 मिसाइल तक पहुंची है।
- अग्नि 5 (Agni Missile 5) पाँच का छठा परिक्षण 3 जून 2018 को प्रातः 9 बजकर 48 मिनट पर किया गया।
- जहां तक भारत की पहली अंतर महाद्वीपीय बालिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 की खूबियों का सवाल है। तो ये करीब एक टन का पे-लोड ले जाने में सक्षम होगा।
- खुद अग्नि-5 मिसाइल (Agni Missile 5) का वजन करीब 50 टन है।
- अग्नि-5 (Agni Missile 5) की लंबाई 17 मीटर और चौड़ाई 2 मीटर है।
- अग्नि-5 सॉलिड फ्यूल की 3 चरणों वाली मिसाइल है।
- अग्नि-5 में RING LASER GYROSCOPE यानि RLG तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।
- भारत में ही बनी इस तकनीक की खासियत ये हैं कि ये निशाना बेहद सटीक लगाती है।
अग्नि-6 मिसाइल (Agni-6 Missile)
- अग्नि-6 (Agni-VI) एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है। जिसे भारतीय सशस्त्र बलों के इस्तेमाल के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा विकसित की जा रही है |
- अग्नि 6 (Agni Missile 6) एक चार-चरण वाली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है।
- अग्नि-6 (Agni Missile 6) में कई स्वतंत्र रूप से लक्षित किए जाने वाले पुनः प्रवेश वाहन और साथ ही मैन्युवेरेबल पुनः प्रवेश वाहन (एमएआरवी) की भी संभावना है।और ये मैन्युवेरेबल रणनीतिक हथियार अग्नि 6 को विस्तारित सीमा देंगे जो वर्तमान में गुप्त है।
- यह अग्नि मिसाइलों में नवीनतम और सबसे उन्नत संस्करण है।