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राफेल विमान की पूरी जानकारी-Rafale Fighter Jet Full Specifications In Hindi

Rafale Fighter Jet :राफेल विमान (Rafale Fighter Jet) क्या है? , राफेल (Rafale Fighter Jet) में क्या खास है? , राफेल विमान (Rafale Fighter Jet) की खासियत क्या है-What is unique about Rafale Fighter Jet in hindi , भारत के लिये इसका महत्त्व-What is the importance of Rafale aircraft for India In Hindi तथा राफेल विमान की कीमत-Rafale Aircraft Price in hindi के बारे में इस आर्टिकल में जानेंगे

उत्पत्ति का देश फ्रांस
उत्पादक डेसॉल्ट विमानन
प्रथम उड़ान राफले ए डेमो: 4 जुलाई 1986
प्राथमिक उपयोक्तागण फ्रांसीसी वायुसेना
फ्रेंच नौसेना
मिस्र की वायुसेना
निर्मित इकाई 165 (जुलाई 2018 के अनुसार )
चालक दल 1 या 2
लंबाई 15.27 मीटर (50 फीट 1 इंच)
विंगस्पैन 10.90 मीटर (35 फीट 9 इंच)
ऊंचाई 5.34 मीटर (17 फीट 6 इंच)
विंग क्षेत्र 45.7 मीटर 2 (492 वर्ग फुट)
खाली वजन 10,300 किलोग्राम (B)
9,850 किलोग्राम (C)
10,600 किलोग्राम (M)
उपयोगी भार 15,000 किलोग्राम
अधिकतम उड़ान वजन 24,500 किलोग्राम
ईंधन क्षमता 4,700 किलोग्राम सिंगल सीटर के लिए (सी); 4,400 किलोग्राम दो सीटों के लिए (बी)
पावर प्लांट 2 × स्नेमा एम 88 – 2 टर्बोफैन
अधिकतम गति High altitude: Mach 1.8 (1,912 किमी/घंटा, 1,032 समुद्री मील)
Low altitude: Mach 1.1 (1,390 किमी/घंटा, 750 समुद्री मील)
चढ़ाई की दर 304.8 मीटर / सेकेंड (60,000 फीट / मिनट)
विंग लोडिंग 328 किग्रा / मी ^2
बंदूकें 1 × 30 मिमी (1.2 में) GIAT 30 / M791 autocannon 125 राउंड के साथ
हार्डपॉइंट वायु सेना संस्करणों के लिए 14 (राफेल बी / सी), नौसेना संस्करण के लिए 13 (राफेल एम) 9,500 किलोग्राम (20,900 पाउंड) बाहरी ईंधन और आयुध की क्षमता के साथ, संयोजन के लिए प्रावधान
एयर-टू-एयर मिसाइल जादू II
MBDA MICA IR या EM
MBDA उल्का
एयर से जमीन पर मिसाइल MBDA अपाचे
MBDA तूफान छाया / SCALP-EG
AASM -Hammer (एसबीयू-38/54/64)
GBU-12 Paveway II, GBU-22 Paveway III, GBU-24 Paveway III, GBU-49 संवर्धित Paveway II
के रूप में-30L
मार्क 82
परमाणु विवरण MBDA AM 39- एंटी-शिप मिसाइल का उत्सर्जन
फेरी रेंज 3 ड्रॉप टैंक के साथ 3,700 किमी (2,300 मील, 2,000 एनएम)

राफेल विमान (Rafale Fighter Jet) क्या है?

राफेल विमान फ्रांस की विमानन कंपनी दसॉल्ट एविएशन द्वारा बनाया गया 2 इंजन वाला लड़ाकू विमान है। वर्ष 2001 में प्रस्तुत किये गए राफेल (Rafale) फ्रांँस का डबल इंजन वाला और मल्टीरोल लड़ाकू विमान है, जिसे फ्रांँस की डसॉल्ट एविएशन कंपनी द्वारा डिज़ाइन किया गया है। तमाम तरह के आधुनिक हथियारों से लैस राफेल लड़ाकू विमान में अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग किया गया है और यह एक 4.5 जेनरेशन (4.5 Generation) वाला लड़ाकू विमान है। सबसे पहले 1970 में फ्रांसीसी सेना द्वारा अपने पुराने पड़ चुके लड़ाकू विमानों को बदलने की मांग उठी थी। इसके बाद फ्रांस ने 4 यूरोपीय देशों के साथ मिलकर एक बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान की परियोजना पर काम शुरू किया, लेकिन बाद में उन देशों के साथ फ्रांस के मतभेद हो गए, जिसके बाद फ्रांस ने अकेले ही इस परियोजना पर काम शुरू कर दिया।

राफेल (Rafale Fighter Jet) में क्या खास है?

रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक कोई लड़ाकू विमान कितना ताकतवर है, यह उसकी सेंसर क्षमता और हथियारों पर निर्भर करता है अर्थात् कोई लड़ाकू विमान कितनी दूरी से स्पष्ट देख सकता है और कितनी दूरी तक मार कर सकता है और राफेल इस मामले में बिल्कुल अत्याधुनिक लड़ाकू विमान है। राफेल की विजिबिलिटी 360 डिग्री है, जिसके चलते यह ऊपर-नीचे, अगल-बगल अर्थात् हर तरफ निगरानी रखने में सक्षम है। यह जमीनी सैन्य ठिकाने के अलावा विमानवाहक पोत से उड़ान भरने में भी सक्षम है और इसकी बड़ी खासियत यह है कि इलैक्ट्रॉनिक स्कैनिंग रडार से थ्रीडी मैपिंग कर यह रियल टाइम में दुश्मन की पोजीशन खोज लेता है। राफेल में बैठे पायलट द्वारा दुश्मन की लोकेशन को देखकर बटन दबा देने के बाद बाकी काम इसमें लगे कम्प्यूटर करते हैं।

  1. राफेल लड़ाकू विमान में मौजूद मीटीओर मिसाइल (Meteor Missile), SCALP क्रूज मिसाइल (Scalp Cruise Missile) और MICA मिसाइल प्रणाली (MICA Missile System) इसे सुरक्षा की दृष्टि से काफी महत्त्वपूर्ण बनाती हैं।
  2. मीटीओर मिसाइल: यह हवा-से-हवा में मार करने वाली एक मिसाइल है, जो तकरीबन 150 किमी दूर से दुश्मन के विमानों को निशाना बना सकती है। इससे पहले की दुश्मन के विमान भारतीय विमानों के करीब पहुँचे, यह मिसाइल उनका विमानों को नष्ट कर सकती है।
  3. SCALP क्रूज मिसाइल: राफेल में लगी SCALP क्रूज मिसाइल प्रणाली हवा-से-ज़मीन पर हमला करने वाले मिसाइल प्रणाली है और यह तकरीबन 300 किलोमीटर दूर निशाना साधने में सक्षम है।
  4. MICA मिसाइल प्रणाली: राफेल में मौजूद यह मिसाइल प्रणाली एक बहुमुखी हवा-से-हवा में मार करने वाली प्रणाली है और इससे 100 किलोमीटर दूरी तक फायर किया जा सकता है। ध्यातव्य है कि यह मिसाइल प्रणाली पहले से ही भारतीय वायु सेना के मौजूद मिराज लड़ाकू विमान में कार्य कर रही है।
  5. भारतीय वायु सेना ने राफेल जेट के लिये अत्याधुनिक मध्यम दूरी की मॉड्यूलर एयर-टू-ग्राउंड हथियार प्रणाली हैमर (Hammer) की खरीदारी की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
  6. इस सटीक निशाना लगाने वाली मिसाइल प्रणाली को मूल रूप से फ्रांँस की वायु सेना और नौसेना के लिये डिज़ाइन किया गया था।
  7. मल्टीमोड रडार से लैस राफेल जेट विमान हवाई टोही, ग्राउंड सपोर्ट, इन-डेप्थ स्ट्राइक, एंटी-शर्प स्ट्राइक और परमाणु अभियानों को अंजाम देने में निपुण है।
  8. ऑप्ट्रॉनिक सिक्योर फ्रंटल इंफ्रारेड सर्च और ट्रैक सिस्टम से लैस राफेल में एमबीडीए एमआइसीए, एमबीडीए मीटिअर, एमबीडीए अपाचे जैसी कई तरह की खतरनाक मिसाइलें और गन लगी हैं, जो पल भर में ही दुश्मन को नेस्तनाबूद कर सकती हैं।
  9. रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार ऐसी मिसाइल चीन-पाकिस्तान सहित समस्त एशिया में किसी भी देश के पास नहीं हैं। केवल एक मिनट में ही विमान के दोनों तरफ से 30 एमएम की तोप से भी 2500 राउंड गोले दागे जा सकते हैं। यह ऊंचे इलाकों में लड़ने में भी माहिर है।
  10. अफगानिस्तान, सीरिया, लीबिया, माली तथा इराक में हुई जंग में अपनी ताकत का प्रदर्शन कर चुके राफेल की टैक्नोलॉजी बेहतरीन है और इसमें कई ऐसी विशेषताएं हैं, जो इसे विश्व का बेहतरीन लड़ाकू विमान बनाने के लिए पर्याप्त हैं। यह हवाई हमला, वायु वर्चस्व, जमीनी समर्थन, भारी हमला, परमाणु प्रतिरोध इत्यादि कई प्रकार के कार्य बखूबी करने में सक्षम है।
  11. परमाणु बम गिराने की ताकत से लैस राफेल में इजरायल हेलमेट-माउंटेड डिस्प्ले, रडार चेतावनी रिसीवर, लो बैंड जैमर, दस घंटे की उड़ान डाटा रिकॉर्डिंग, इन्फ्रारेड खोज और ट्रैकिंग प्रणाली शामिल हैं। कई शक्तिशाली हथियारों को ले जाने में सक्षम राफेल विमान उल्का बीवीआर एयर-टू-एयर मिसाइल (बीवीआरएएएम) की अगली पीढ़ी है, जिसे एयर-टू-एयर कॉम्बैट में क्रांति लाने के लिए डिजाइन किया गया है। राफेल की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें ऑक्सीजन जनरेशन सिस्टम लगा होने के कारण लिक्विड ऑक्सीजन भरने की जरूरत नहीं पड़ती।

राफेल विमान (Rafale Fighter Jet) की खासियत क्या है-What is unique about Rafale Fighter Jet in hindi

  1. राफेल 4.5वीं पीढ़ी का विमान है, जिसमें राडार से बच निकलने की युक्ति है। भारतीय वायुसेना के पास अब तक के विमान मिराज-2000 और सुखोई-30 एमकेआई या तो तीसरी पीढ़ी या चौथी पीढ़ी के विमान हैं।
  2. राफेल 2,222.6 ( 1.8 मैक) किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार और 50,000 फीट की ऊँचाई तक उड़ सकता है।
  3. इस लड़ाकू विमान की रेंज तकरीबन 3,700 किलोमीटर है यानी यह एक बार में लगभग 3,700 किलोमीटर तक बढ़ सकता है, हालाँकि इस रेंज को मिड-एयर रीफ्यूलिंग (Mid-Air Refuelling) के साथ बढ़ाया जा सकता है।
  4. यह लड़ाकू विमान लगभग 15.27 मीटर लंबा है और यह अपने साथ एक बार में 9,500 किलोग्राम बम और गोला-बारूद ले जा सकता है।
  5. यह 36 हजार फीट से लेकर 50 हजार फीट तक उड़ान भरने में सक्षम है। इतना ही नहीं यह 1 मिनट में 50 हजार फीट पर पहुंच जाता है।
  6. यह 1312 फीट के बेहद छोटे रनवे से उड़ान भरने में सक्षम है।
  7. यह 15,590 गैलन ईंधन ले जाने की क्षमता रखता है
  8. राफेल, हवा से हवा में मारक मिसाइलें ले जाने में सक्षम है।
  9. राफेल, अमेरिका के F-16 की तुलना में 0.82 फीट ज्यादा ऊंचा है।
  10. राफेल, अमेरिका के F-16 की तुलना में 0.79 फीट ज्यादा लंबा है।
  11. राफेल 24,500 किलो उठाकर ले जाने में सक्षम है और 60 घंटे अतिरिक्त उड़ान की गारंटी भी है।
  12. राफेल विमान दो इंजनों वाला बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान है।
  13. यह लड़ाकू विमान परमाणु आयुध का इस्तेमाल करने में सक्षम है।
  14. यह हवा से हवा में और हवा से जमीन पर हमले कर सकता है।
  15. राफेल का रडार 100 किलोमीटर के दायरे में 40 टारगेट सेट कर सकता है।
  16. इसके साथ ही खतरनाक और आधुनिक मिसाइलों से लैस राफेल 300 किलोमीटर दूर स्थित लक्ष्य को निशाना बना सकता है।
  17. राफेल में लो लैंड जैमर, 10 घंटे तक की डाटा रिकॉर्डिंग और इजरायली हेलमेट वाली डिस्प्ले की सुविधा भी है।
  18. राफेल कई खूबियों वाले रडार वॉर्निंग रिसीवर, इन्फ्रारेड सर्च और ट्रैकिंग सिस्टम जैसी क्षमताओं से भी लैस है
  19. स्कैल्प मिसाइल की रेंज 300 किमी, हथियारों के स्टोरेज के लिए 6 महीने की गारंटी है।
  20. राफेल अत्याधुनिक हथियारों से लैस होने वाला लड़ाकू विमान है। इस जेट के साथ मेटेअर मिसाइल भी है।
  21. भारत के लिए राफेल महत्वपूर्ण है। मिस्र और फ्रांस में पहले से ही राफेल जेट का प्रयोग किया जा रहा है, लेकिन भारत को मिलनेवाला राफेल अधिक अडवांस्ड तकनीक से लैस है। भारत की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इसमें कुछ अतिरिक्त फीचर्स भी जोड़े गए हैं।
  22. 1) विमान में हेल्मेट माउंटेड साइट्स और लक्ष्य को भेदने की प्रणाली है ताकि पायलट बहुत कम समय में हथियारों को शूट कर सकें।
  23. 2) विमान में बहुत ऊंचाईवाले एयरबेस से भी उड़ान भरने की क्षमता है। लेह जैसी ऊंचाईवाली जगहों और ठंडे मौसम में भी विमान तेजी से काम कर सकता है।
  24. 3) मिसाइल अटैक का सामना करने के लिए विमान में खास तकनीक का प्रयोग किया गया है।
  25. 4) अगले 50 सालों तक के लिए फ्रेंच इंडस्ट्रियल सपोर्ट भी मिलेगा।

भारत के लिये इसका महत्त्व-What is the importance of Rafale aircraft for India In Hindi

  1. वायु युद्धक क्षमता में बढ़ोतरी: विशेषज्ञों का मानना है कि राफेल लड़ाकू विमान ऐसे समय में भारत आए हैं, जब भारत चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों के संबंधों में तनाव का सामना कर रहा है, ऐसे में ये लड़ाकू विमान भारत की वायु युद्धक क्षमता में कई गुना बढ़ोतरी करेंगे, साथ ही इनके आने से वायु सेना के मनोबल में भी काफी वृद्धि होगी।
  2. बेजोड़ क्षमता: भारतीय पड़ोसी देशों खासकर चीन और पाकिस्तान के बेड़े में मौजूद कोई भी लड़ाकू विमान भारतीय वायु सेना के इस विमान के साथ मुकाबला करने में सक्षम नहीं है और यह राफेल बीते कुछ वर्षों में अफगानिस्तान, लीबिया, इराक और सीरिया में हुए वायु युद्ध अभियानों में अपनी बेजोड़ क्षमताओं को साबित कर चुका है।
  3. भारत के अलावा मिस्र और कतर के पास भी यह लड़ाकू विमान मौजूद है।
  4. लगभग दो दशक तक भारतीय वायु सेना लंबी दूरी की मारक क्षमता वाले हथियारों और अत्याधुनिक मिसाइल प्रणाली की कमी का सामना कर रही थी, इस प्रकार राफेल लड़ाकू विमान भारतीय वायु सेना के लिये निर्णायक साबित होंगे।
  5. सबसे महत्त्वपूर्ण यह है कि राफेल लड़ाकू विमान खतरे की स्थिति में भारतीय वायु सीमा को पार किये बिना भी दुश्मन के लड़ाकू विमानों पर निशाना साध सकते हैं।
  6. राफेल लड़ाकू विमान एक मल्टीरोल फाइटर विमान है जिसे फ़्रांस की डेसॉल्ट एविएशन नाम की कम्पनी बनाती है। राफेल-A श्रेणी के पहले विमान ने 4 जुलाई 1986 को उडान भारी थी जबकि राफेल-C श्रेणी के विमान ने 19 मई 1991 को उड़ान भरी थी। वर्ष 1986 से 2019 तक इस विमान की 201यूनिट बन चुकी हैं। राफेल A,B,C और M श्रेणियों में एक सीट और डबल सीट और डबल इंजन में उपलब्ध है।
  7. राफेल हवा से हवा के साथ हवा से जमीन पर हमले के साथ परमाणु हमला करने में सक्षम होने के साथ-साथ बेहद कम ऊंचाई पर उड़ान के साथ हवा से हवा में मिसाइल दाग सकता है। इतना ही नहीं इस विमान में ऑक्सीजन जनरेशन सिस्टम लगा है और लिक्विड ऑक्सीजन भरने की जरूरत नहीं पड़ती है।
  8. यह विमान इलेक्ट्रानिक स्कैनिंग रडार से थ्रीडी मैपिंग कर रियल टाइम में दुश्मन की पोजीशन खोज लेता है। इसके अलावा यह हर मौसम में लंबी दूरी के खतरे को भी समय रहते भांप सकता है और नजदीकी लड़ाई के दौरान एक साथ कई टारगेट पर नजर रख सकता है साथ ही यह जमीनी सैन्य ठिकाने के अलावा विमानवाहक पोत से भी उड़ान भरने के सक्षम है।
  9. फ्रांस द्वारा 5 राफेल विमानों की पहली खेप 29 जुलाई को भारत पहुंच गयी है। ये राफेल विमान, फ्रांस से अंबाला पहुंचे और यहीं पर आधिकारिक तौर पर इन्हें भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया। ऐसा माना जा रहा है कि राफेल के भारत आने के बाद दक्षिण एशिया में शक्ति संतुलन में भारत की भूमिका बहुत अहम् हो जाएगी।
  10. भारत ने अपनी वायुसेना को मजबूत करने के लिए वर्ष 2007 में मल्टीरोल नए लड़ाकू विमानों के लिए टेंडर जारी किये थे जिसमें अमेरिका के एफ-16, एफए-18, रूस के मिग-35, स्वीडेन के ग्रिपिन, फ्रांस के राफेल और यूरोपीय समूह के यूरोफाइटर टाइफून की दावेदारी पेश की थी। 27 अप्रैल 2011 को परीक्षण की आखिरी दौड़ में यूरोफाइटर और राफेल ही भारतीय परिस्तिथियों के अनुकूल पाए गए थे और अंततः 31 जनवरी 2012 को सस्ती बोली व फील्ड ट्रायल के दौरान भारतीय परिस्थितियों और मानकों पर सबसे खरा उतरने के कारण यह टेंडर राफेल को दिया गया था।
  11. भारत को अब पांचवी पीढ़ी के विमानों की जरुरत पड़ रही है क्योंकि दुनिया के लगभग सभी देशों के पास उन्नत किस्म के लड़ाकू विमान हैं। यहाँ तक कि पाकिस्तान ने भी चीन से एडवांस्ड पीढी के विमान जेएफ-17 और अमेरिका से एफ-16 खरीद लिए हैं ऐसे में भारत अब पुरानी तकनीकी के विमानों पर ज्यादा निर्भर नहीं रह सकता है।

राफेल विमान की कीमत-Rafale Aircraft Price in hindi

भारत ने 23 सितंबर 2016 को फ्रांसीसी एरोस्पेस कंपनी दसॉल्ट एविएशन से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए 59,000 करोड़ रुपए का सौदा किया था। 36 राफेल युद्धक विमानों को फ्रांस से खरीदने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले की घोषणा अप्रैल 2015 में की गई थी। इस समझौते पर एक साल से अधिक समय के बाद हस्ताक्षर किए गए थे। भारतीय वायु सेना के लिए तुरूप का इक्का माने जाने वाले पांच राफेल विमानों की पहली खेप 27 जुलाई को ही भारत आयी थी।

निष्कर्ष:

गौरतलब है कि राफेल लड़ाकू विमान भारत की सुरक्षा की दृष्टि से काफी महत्त्वपूर्ण हैं और इनमें भारत के रक्षा क्षेत्र को भी बढ़ावा देने की क्षमता मौजूद है, अतः आवश्यक है कि भारत और फ्रांँस के बीच रक्षा क्षेत्र से संबंधित निरंतर संवाद के लिये एक तंत्र स्थापित किया जाए और सामरिक संबंधों को मज़बूत करने के साथ-साथ रक्षा संबंधों को मज़बूत करने पर भी ध्यान दिया जाए। इसके अलावा भारत सरकार और शीर्ष सैन्य अधिकारियों को भारतीय वायु सेना समेत भारत की तीनों सेनाओं के समक्ष मौजूद चुनौतियों को जल्द-से-जल्द हल करने का प्रयास करना चाहिये, ताकि भारतीय सेनाओं को और मज़बूत बनाया जा सके और सेना में कार्यरत जवानों को प्रोत्साहन मिल सके।

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