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चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ कैसे बनें जानें पूरी जानकारी हिंदी में| CDS in India

रक्षा प्रमुख या चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS in India) भारतीय सशस्‍त्र सेनाओं के पेशेवर तीनों सेना (एयरफोर्स, नेवी,आर्मी) के प्रमुख और भारत सरकार के वरिष्ठतम वर्दीधारी सैन्य सलाहकार हैं। 24 दिसम्बर 2019 को भारत की सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCS) ने इस पद के सृजन की घोषणा की तथा जनरल बिपिन रावत को 1 जनवरी 2020 को भारत का प्रथम रक्षा प्रमुख बनाए गए।
आइए जानते हैं सीडीएस कौन बन सकते हैं? सीडीएस बनने के लिए क्या करना पड़ता है? सीडीएस की पढ़ाई कहां से की जाती है? साथ ही सीडीएस बनने के लिए क्या-क्या योग्यताओं की जरूरत है।

इतिहास

इस तरह के पद को बनाने का विचार सबसे पहले लॉर्ड माउंटबेटन को आया द्वारा था। जनरल के॰ वी॰ कृष्णाराव ने जून 1982 में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद को बनाया। हालाँकि, आधिकारिक तौर पर, यह 1999 में केवल कारगिल समीक्षा समिति की सिफारिश का पालन कर रहा था कि मंत्रियों के समूह (GoM) ने आधिकारिक रूप से 2001 में सीडीएस के पद का प्रस्ताव रखा था।
इस मामले पर विभिन्न मोर्चों पर वर्षों से विरोध था। 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद, वायु सेना प्रमुख, एयर चीफ मार्शल प्रताप चंद्र लाल ने धमकी दी थी कि अगर सीडीएस का पद बनाया गया तो वे पद छोड़ देंगे। यह भी आशंका थी कि इस तरह की पोस्ट बहुत शक्तिशाली होगी। 2001 में सरकार तत्कालीन चीफ ऑफ नेवल स्टाफ एडमिरल, सुशील कुमार, सीडीएस बनाने के कगार पर थी। अन्य औपचारिकताओं सहित एक तारीख तय की गई थी। हालाँकि, अन्य कारणों के साथ, टर्फ युद्धों के कारण, इस विचार को समाप्त कर दिया गया था।

उसके बाद फिर से 2006 में शामिल सभी पक्षों से परामर्श की प्रक्रिया शुरू हुई। 2012 में नरेश चंद्र टास्क फोर्स और 2016 में लेफ्टिनेंट जनरल डी॰ बी॰ शकटकर समिति सहित समितियों ने भी सीडीएस के अपने संस्करणों का प्रस्ताव रखा। 2017 में, सुरक्षा पर कैबिनेट समिति ने सीडीएस के लिए एक पद के निर्माण से संबंधित अंतिम निर्णय लेने की प्रक्रिया शुरू की। कर्मचारी समिति के अध्यक्ष (अध्यक्ष-सीओएससी) के अध्यक्ष का पद राष्ट्रीय सैन्य रणनीति के लिए जिम्मेदार सीडीएस के पद के अग्रदूत के रूप में बनाने का निर्णय लिया गया।

15 अगस्त 2019 को नई दिल्ली के लाल किले से अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के तहत 23 अगस्त 2019 को एक समिति की घोषणा की गई, जिसमें कैबिनेट सचिव, रक्षा सचिव और अन्य लोगों के बीच स्टाफ कमेटी (C-COSC) के अध्यक्ष शामिल थे, ताकि इसे अंतिम रूप दिया जा सके। समिति को छह सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट देनी थी। नवंबर 2019 तक, सरकारी सूत्रों ने बताया कि समिति ने काफी हद तक अपने कार्यों को पूरा कर लिया है और दिसंबर के मध्य तक सीडीएस के पद के लिए एक आधिकारिक चार्टर और सक्षम रूपरेखा जारी करेगी। 24 दिसंबर को, सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति (CCS) ने औपचारिक रूप से चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, एक चार सितारा जनरल, एक त्रि-सेवा प्रमुख का पद स्थापित किया, जो रक्षा बलों का नेतृत्व करने के साथ-साथ प्रमुख की भी भूमिका निभाएगा और सैन्य मामलों का विभाग भी।

CDS के कार्य (CDS in India)

CDS सेना के तीनों अंगों(एयरफोर्स, नेवी, आर्मी) के मामले में रक्षा मंत्री के प्रमुख सैन्य सलाहकार के रूप में कार्य करते हैं। इसके साथ ही तीनों सेनाओं के अध्यक्ष रक्षा मंत्री को अपनी सेनाओं के संबंध में सुझाव भी देते हैं।
CDS रक्षा मंत्री की अध्‍यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद (Defense Acquisition Council) और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (National Security Advisor) की अध्‍यक्षता वाली रक्षा नियोजन समिति का सदस्‍य होता हैं। इसके अलावा परमाणु कमान प्राधिकरण के सैन्य सलाहकार के रूप में भी कार्य करता है।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का कार्य, सेना के तीनों अंगों के बीच दीर्घकालिक नियोजन, ट्रेनिंग, खरीद और परिवहन के कार्यों के लिए समन्वयक (Coordinator) स्थापित का कार्य होता है।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ को साइबर और स्‍पेस कमांड का भी जिम्‍मा दिया गया है।
CDS के कार्यों में सबसे खास कार्य यह है कि वो रक्षा मंत्रालय के तहत नवगठित सैन्य मामलों के विभाग (Department of Military Affairs- DMA) के सचिव के रूप में कार्य करेगा।

क्यों अहम होता है CDS का पद?

सेना के तीनों अंगों में समन्वय बनाने और एक आदेश पर तीनों को सक्रिय करने के लिए यह पद बनाया गया है। सीडीएस की मुख्य जिम्मेदारी अभियानों में संयुक्तता लाकर संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल के लिए सैन्य कमानों की पुनर्संरचना करना है। साल 1999 के कारगिल युद्ध के बाद भी भारत में एक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद को बनाने की पहल की गई थी। उस समय कहा गया था कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद सेना के तीनों प्रमुखों से ऊपर होगा और वह अपने पद पर 65 वर्ष की उम्र तक कार्य कर सकेगा।

CDS की ताकत

चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ के तौर पर सैनिक मामलों के विभाग के प्रमुख होते हैं। वह तीनों सैन्य सेवाओं के लिए प्रशासनिक कार्यों की देख-रेख करते हैं। साथ ही देश के सभी सुरक्षा एजेंसियों, संगठनों तथा साइबर कार्यों की कमान चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ के हाथों में होती है।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ कैसे बनें (CDS in India)

सीडीएस बनने के लिए पहले यूपीएससी की परीक्षा पास करनी होगी
चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ बनने के लिए, संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित भर्ती CDS (combined defence services) में शामिल होना होगा। प्रवेश परीक्षा के लिए उपस्थित होने के इच्छुक लोगों ने स्नातक तक पढ़ाई पूरी कर ली हो और उनकी आयु 19 से 25 वर्ष के भीतर होनी चाहिए। संघ लोक सेवा आयोग की ओर से साल में 2 बार इस परीक्षा को कराया जाता है जो भारतीय सैन्य अकादमी (IMA), अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (OTA), भारतीय नौसेना अकादमी (INA), और भारतीय वायु सेना अकादमी (AFA) में भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की जाती है।
CDS (combined defence services) परीक्षा के बारे में पूरी जानकारी के लिए नीचे दिए गए आर्टिकल को जरूर पढ़ें।

CDS full information in hindi – पूरी जानकारी यहाँ से प्राप्त करें

चयन के बाद शुरू होता है कठिन प्रशिक्षण

चयनित लोगों को प्रशिक्षण के लिए बुलाया जाएगा। भारतीय सशस्त्र सेनाओं में विभिन्न उच्च पदों के लिए प्रशिक्षण और प्रशासनिक अनुभव की अवधि अलग-अलग है। भारतीय सैन्य सेवा में अधिकारी संवर्ग के लिए यह 18 महीने, भारतीय नौसेना अकादमी के लिए 37 से 40 महीने और भारतीय वायु सेना अकादमी के लिए 74 महीने है। इसके बाद सेना के प्रशासनिक और संगठनात्मक ढांचे में विभिन्न पदों पर काबिज होते हुए सीडीएस यानी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पद तक पहुंचा जा सकता है। 

सीडीएस की नियुक्ति कौन करता है (CDS in India)

सीडीएस की नियुक्ति के लिए बुनियादी मानदंड बेहद सरल हैं। तीनों सेवाओं – भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना (IAF) और भारतीय नौसेना का कोई भी कमांडिंग ऑफिसर यानी सेना प्रमुख, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानी CDS के पद के लिए पात्र होता है। नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार को सैन्य अधिकारी की योग्यता, सह-वरिष्ठता के आधार पर निर्णय लेना होता है। सीडीएस भारतीय सशस्त्र बलों के सेवारत अधिकारियों में से एक चार सितारा रैंक का अधिकारी होता है। सेना प्रमुखों में “फर्स्ट अमंग इक्वल्स” होता है।

देश के पहले सीडीएस बने थे जनरल बिपिन रावत

जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) को 31 दिसंबर 2019 को भारत का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त किया गया था। वे 01 जनवरी, 2020 से 08 दिसंबर, 2021 तक अपने जीवन के आखिरी क्षणों तक यह पद संभाला। तमिलनाडु के सुलूर से वेलिंगटन में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (डीएसएससी) में व्याख्यान देने जाते वक्त एक अप्रत्याशित हेलीकॉप्टर क्रैश (MI 17 helicopter)हादसे में उनका अपनी पत्नी और कुछ अन्य फौजी साथियों के साथ निधन हो गया।

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